नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र के दौरान कार्यवाही के सुचारू रूप से नहीं चलने पर बृहस्पतिवार को निराशा जताई और कहा कि कांग्रेस के प्रतिभाशाली और युवा सांसद अपने नेतृत्व की ‘‘असुरक्षा’’ के कारण चर्चा में भाग नहीं ले पाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कक्ष में विभिन्न दलों के नेताओं की पारंपरिक अनौपचारिक बैठक में यह टिप्पणी की।
संसद के निचले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद यह बैठक हुई। हालांकि, विपक्षी दलों के नेता इस बैठक से दूर रहे।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सदन (लोकसभा) में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, जो बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद के खिलाफ अपनी पार्टी (कांग्रेस) के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं, हालांकि उनकी (मोदी की) टिप्पणी स्पष्ट रूप से उन पर लक्षित थी।
मोदी ने ‘ऑनलाइन गेमिंग के संवर्धन और विनियमन विधेयक’ का उल्लेख किया, जो सभी ‘रियल-मनी’ खेलों पर प्रतिबंध लगाता है और जिसे लोकसभा एवं राज्यसभा ने शोर-शराबे के कारण बिना चर्चा के पारित कर दिया। उन्होंने इन ऑनलाइन खेलों से समाज पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के कारण विधेयक के व्यापक सकारात्मक निहितार्थों की भी सराहना की।
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक लाये गए और उन्हें इस बात का अफसोस है कि संसद में उन पर चर्चा नहीं हो सकी।
बैठक में विपक्षी नेताओं के शामिल न होने पर, वहां उपस्थित किसी ने टिप्पणी की कि कांग्रेस को साथ लाना कठिन होता जा रहा है, क्योंकि उसके कुछ ही नेता, जिनसे सरकार नियमित रूप से बातचीत करती है, पार्टी के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं। इस पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कुछ प्रतिभाशाली युवा सांसद हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि वे शायद नेतृत्व को ’’असुरक्षित’’ बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने पहले भी सार्वजनिक रूप से इसी तरह का विचार व्यक्त किया है, और नेहरू-गांधी परिवार की आलोचना करते हुए कहा है कि वे अपने हितों को सबसे ऊपर रखते हैं।
बैठक से दूर रहने के विपक्षी दलों के फैसले के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके (विपक्ष के) नेता सत्र के दौरान अपने आचरण से इतने शर्मिंदा हो गए होंगे कि वे इसमें शामिल नहीं हो पाए।
एसआईआर का विरोध कर रहे एकजुट विपक्ष ने 21 जुलाई से शुरू हुए पूरे सत्र के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित की। वहीं, सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया।
रीजीजू ने कहा कि संसद के कामकाज को लेकर सरकार के साथ बैठक में शामिल होने वाले कांग्रेस नेता अक्सर कुछ समझौते पर पहुंच जाते हैं, लेकिन उसे लागू नहीं कर पाते। उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद उन पर दबाव है।
बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता और सत्तारूढ़ गठबंधन सहित कुछ अन्य दलों के सदस्य भी शामिल हुए।
मंत्री ने कहा कि सत्र समाप्त होने के बाद विपक्षी नेताओं का लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आयोजित जलपान बैठक का बहिष्कार करना एक असमान्य बात है।
भाषा
सुभाष नरेश
नरेश
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