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Tuesday, 23 April, 2024
होमदेशइस त्यौहारी सीज़न में 60% भारतीय ख़र्च को तैयार, दूसरी Covid लहर के पीक पर केवल 30% था ये आंकड़ा: सर्वे

इस त्यौहारी सीज़न में 60% भारतीय ख़र्च को तैयार, दूसरी Covid लहर के पीक पर केवल 30% था ये आंकड़ा: सर्वे

लोकलसर्कल्स के सर्वे में कहा गया है कि इस वृद्धि से संकेत मिलता है कि मई में कोविड-19 लहर की पीक पर जो आर्थिक अनिश्चितता देखी जा रही थी वो काफी कम हो गई है.

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नई दिल्ली: भारतीय परिवारों का प्रतिशत जो आगामी त्यौहारी सीज़न दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली में ख़र्च करने की योजना बना रहे हैं- मई के 30 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 60 प्रतिशत पहुंच गया है. ये ख़ुलासा एक कम्यूनिटी सोशल मीडिया मंच लोकलसर्कल्स की ओर से कराए गए एक सर्वे में हुआ है.

शुक्रवार को प्रकाशित हुए सर्वे के नतीजे 115,000 से अधिक जवाबों पर आधारित हैं जो 396 ज़िलों में फैले 38,000 हज़ार घरों से लिए गए थे.

सर्वे किए गए उत्तरदाताओं में 63 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि 37 प्रतिशत महिलाएं थीं.

सर्वे के अनुसार, 60 प्रतिशत घरों की त्यौहारी सीज़न में ख़र्च करने की योजना से संकेत मिलता है कि ‘मई में कोविड-19 लहर के पीक पर, जो आर्थिक अनिश्चितता देखी जा रही थी वो काफ़ी कम हो गई है’.

सर्वे में यह भी पता चला कि इस साल त्यौहारी ख़रीद करने वाले घरों के लिए बजट और सुरक्षा ऊंची प्राथमिकता बन गई है जिसका एक बड़ा कारण कोविड-19 से पैदा हुआ वित्तीय बोझ है जिसमें लॉकडाउन और एक तीसरी कोविड लहर की भविष्यवाणी के चलते लोगों की आय में कमी आई है.

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क़रीब 35 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनकी ख़रीदारी का मानदंड बजट/वैल्यू होगी. वहीं, दूसरे 35 प्रतिशत ने ‘सुरक्षा’ और 18 प्रतिशत ने ‘सुविधा’ के लिए वोट किया. दस प्रतिशत ने कहा कि वो ‘चयन या रेंज’ को देखेंगे (यानी वो विकल्प तलाशेंगे और उसी हिसाब से ख़रीदेंगे), दो प्रतिशत ने ‘दूसरे पहलुओं’ का हवाला दिया. सवाल को कुल 7,980 जवाब हासिल हुए.

यह पूछने पर कि क्या वो चीज़ों को ‘अधिकतम बिक्री मूल्य (MRP) पर ख़रीदेंगे 9,269 उत्तरदाताओं में से 16 प्रतिशत ने ‘हां’, 49 प्रतिशत ने ‘नहीं’ और 35 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने तय नहीं किया है. ‘नहीं’ में जवाब देने वालों ने स्पष्ट किया कि वो वहीं से ख़रीदेंगे जहां पैसे का उचित मूल्य मिलेगा.


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इसके अलावा, जहां 9,381 उत्तरदाताओं में से क़रीब 39 प्रतिशत ने इस त्यौहारी सीज़न में ऑनलाइन ख़रीदारी के पक्ष में वोट दिया. वहीं, 13 प्रतिशत का कहना था कि वो स्थानीय स्टोर्स से होम डिलीवरी का विकल्प चुनेंगे जबकि 40 प्रतिशत ने कहा कि वो ‘स्टोर्स या मार्केट जाकर ख़रीदना पसंद करेंगे’.

बड़ी ख़रीदारियों में शामिल होंगे स्मार्टफोन्स, कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स

जो लोग इस त्यौहारी सीज़न में बड़ी ख़रीदारियों की योजना बना रहे हैं उनमें 55 प्रतिशत (प्राथमिकता के आधार पर आंकलन) ने कहा कि वो संभवत: स्मार्टफोन्स, टीवी, टैब्लेट्स, लैपटॉप्स और प्रिंटर्स जैसे दूसरे कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ख़रीदेंगे. 37 प्रतिशत ने कहा कि वो ‘घर के नवीनीकरण की चीज़ें जैसे फर्नीचर, सजावट की वस्तुएं, पेंट्स, सैनिटरी सामान, और लाइटिंग आदि पर ख़र्च करेंगे. 26 प्रतिशत ने एसी और एयर प्योरिफायर जैसी व्हाइट गुड्स और उपकरणों का चयन किया.

सर्वे में पता चला कि इस त्यौहारी सीज़न में खाद्य पदार्थों और किराना ख़रीदने वाले 72 प्रतिशत लोग ड्राई फ्रूट्स,  मिठाइयां, बेकरी उत्पाद और चॉकलेट्स ख़रीदेंगे. संभावना है कि 41 प्रतिशत लोग ‘विशेष ग्रॉसरी और फल’ और 27 प्रतिशत लोग ‘स्वादिष्ट भोजन और पेयपदार्थ’ ख़रीदेंगे.

जो लोग ब्यूटी और फैशन कैटेगरी पर ख़र्च करेंगे उनमें 67 प्रतिशत के परिधान और कपड़े ख़रीदने की संभावना है. 30 प्रतिशत ने कहा कि वो ‘जूते, बैग, और दूसरे सामान’ ख़रीदेंगे जबकि 24 प्रतिशत लोग ‘मेकअप और पर्फ्यूम’ ख़रीद सकते हैं.

सर्वे में ये भी कहा गया कि ऐसे 84 प्रतिशत लोग जो इस साल त्यौहारी सीज़न की ख़रीदारी के लिए मुख्य रूप से डिजिटल भुगतान करेंगे वो इसका कारण ‘सुविधा’ को बताते हैं. 54 प्रतिशत लोगों को ये ‘सुरक्षित और भरोसेमंद’ लगता है और 36 प्रतिशत इसका इस्तेमाल ‘रिवॉर्ड्स व कैशबैक कमाने या आसान किश्तों’ के लिए करेंगे.

सर्वे के अनुसार, त्यौहारी उपहारों की बात आने पर 48 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वो ऑनलाइन गिफ़्ट ऑर्डर करेंगे जबकि 42 प्रतिशत ने कहा कि वो उपहारों की ख़रीद स्थानीय स्तर पर करेंगे और 10 प्रतिशत ने लो डिजिटल मनी या ई-शगुन को चुना.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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