श्रीनगर, चार सितंबर (भाषा) जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से करीब 200 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया। इस बीच, बृहस्पतिवार को झेलम का जलस्तर घटने से घाटी के अन्य हिस्सों में बाढ़ का खतरा कुछ कम हुआ है।
पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार, जिला पुलिस ने फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया समूहों का गठन किया हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘शहर के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति और भारी जलभराव को देखते हुए श्रीनगर पुलिस ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और नदी पुलिस के सहयोग से व्यापक निकासी और पुनर्वास योजना शुरू की है, ताकि प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।’’
प्रवक्ता के अनुसार, संबंधित थाना क्षेत्रों की टीम, नदी पुलिस और एसडीआरएफ इकाइयों के साथ मिलकर कई संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गईं।
इन समूहों ने गंभीर रूप से प्रभावित इलाकों से लगभग 200 परिवारों और व्यक्तियों को निकाला और उन्हें अन्य जगहों पर ले जाया गया। इनमें पीरजो द्वीप और बसंत बाग से निकाले गए 24 परिवार भी शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि बोनीयारबल, एस.आर. गंज, मलिक साहिब, सफाकदल, पंपोश कॉलोनी, नूरबाग, गुजरबल और मदनयार फतेह कदल से 39 परिवारों को निकाला गया।
उन्होंने कहा, ‘‘करीब 20 परिवारों और व्यक्तियों को देदी कदल, हब्बा कदल, जैनदर मोहल्ला, टंकीपोरा, करन नगर, कुरसू, इकबाल कॉलोनी और अरमवारी से निकाला गया, जबकि 20 परिवारों को टेलबल और हजरतबल के संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।’’
इसके अलावा, 63 व्यक्तियों को पंजीनारा-मुजगुंड, बंड साइड, मल्लूरा बंड, ख्वाजा बाग बंड, परिमपोरा बंड, बिलाल कॉलोनी बंड, क़मरवारी, रामपोरा छत्ताबल बंड, जेनपोरा और टेंगन से निकाला गया।
प्रवक्ता ने बताया कि निकासी प्रयासों के साथ-साथ पुलिस ने तटबंधों में संभावित दरारों की पहचान कर उन्हें बंद किया, जिससे स्थिति बिगड़ने से रोकी जा सकी।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी थानों में आकस्मिक दल और त्वरित प्रतिक्रिया समूह गठित किए गए हैं, जो प्रभावित परिवारों की मदद, जाम वाले क्षेत्रों में यातायात नियंत्रित करने और जरूरतमंदों तक पहुंचने का काम कर रहे हैं।
इसके अलावा, नागरिकों की मदद के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘नागरिकों से अपील है कि भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें, जलभराव, पेड़ गिरने या बिजली से संबंधित खतरों की सूचना नजदीकी थाने या पुलिस नियंत्रण कक्ष को दें। पुलिस और आपातकालीन सेवाओं का सहयोग करें और आधिकारिक परामर्शों का पालन करें।’
भाषा राखी माधव
माधव
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