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Saturday, 20 April, 2024
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जायडस कैडिला ने ZyCov-D वैक्सीन की मंजूरी के लिए किया आवेदन, 12-18 साल के लोगों पर की गई टेस्टिंग

कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल परीक्षण किया है.

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नई दिल्लीः जायडस कैडिला ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी के आपातकालीन उपयोग के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मांगी है.

कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल परीक्षण किया है.

जायडस कैडिला ने एक बयान में कहा, ‘कंपनी ने जायकोव-डी के लिए डीसीजीआई के कार्यालय में ईयूए के लिए आवेदन किया है. यह कोविड-19 के खिलाफ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है.’

कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ शरविल पटेल ने कहा कि जब वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी, तो इससे न सिर्फ व्यस्कों को, बल्कि 12 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को भी मदद मिलेगी.

कोविड -19 के खिलाफ यह देश की भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद दूसरी स्वदेशी विकसित वैक्सीन होगी. अगर इसे मंज़री मिलती है तो यह कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना के बाद देश की पांचवीं वैक्सीन होगी.

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इस वैक्सीन की खास बात यह है कि यह देश की पहली वैक्सीन होगी जो कि 12 से 18 साल के बच्चों पर टेस्ट की गई है. कंपनी की वार्षिक रूप से 12 करोड़ सालाना वैक्सीन बनाने की योजना है.

अब तक जाइडस ने 50 सेंटरों पर 28 हजार वॉलंटियर की मदद से सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है. जायकोव-डी एक डीएनए वैक्सीन है. यह मेजर वायरल मेंब्रेन प्रोटीन के खिलाफ काम करती है जो कि शरीर की कोशिका मे नोवेल कोरोनावायरस के प्रवेश के लिए जिम्मेदार है.

कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘परीक्षण के बाद वैक्सीन को सुरक्षित पाया गया है. इसके लिए 12 से 18 साल के करीब एक हजार लोगों ने एनरोल किया था. इन पर वैक्सीन सुरक्षित और सहनीय पाई गई. इसकी सहनीयता वयस्कों जितनी थी.’


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