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Thursday, 25 April, 2024
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भारतीय दवा कंपनियों ज़ायडस, एलेम्बिक ने ‘घातक’ नतीजों के चलते अमेरिका से 2 दवाएं वापस मंगाईं

ज़ायडस कैडिला ने शीशियों में क्रिस्टलीकरण, यानी दाने बनने की शिकायतों के चलते, हर्पीज़ संक्रमण के इलाज में दिए जाने वाले इंजेक्शन, और एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स ने लेबलिंग की ग़लती के चलते, हाई बीपी की अपनी दवा वापस मंगा ली है.

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नई दिल्ली: दो भारतीय दवा कंपनियां, ज़ायडस कैडिला व एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स, अपने उत्पादों के बारे में शिकायतें मिलने के बाद, अमेरिका से अपनी दवाएं वापस मंगा रही हैं.

दोनों वापसियों को संभावित रूप से ‘जीवन के लिए ख़तरनाक’ बताया जा रहा है.

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएस एफडीए) के अनुसार, गुजरात स्थित एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स की सहायक अमेरिकी कंपनी, ग़लत लेबल लग जाने की वजह से, स्वेच्छा से उच्च रक्त चाप की अपनी दवा टेल्मिसार्टन बाज़ार से वापस ले रही है.

कंपनी को शिकायतें मिली हैं कि 20 एमजी के लेबल लगी बोतलों में 40 एमजी की गोलियां पाई जा रही हैं. लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया है कि 20 एमजी की गोलियां गोल होती हैं, जबकि 40 एमजी की गोलियां अंडाकार होती हैं.

ज़ायडस फार्मास्यूटिकल्स (अमेरिका) ने भी, जो भारतीय दवा निर्माता ज़ायडस कैडिला का एक अंग है, स्वेच्छा से ऐलान किया कि एसीक्लोविर सोडियम इंजेक्शन को वापस लिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल प्रतिरक्षा में अक्षम रोगियों को हर्पीज़ संक्रमण के इलाज में दिया जाता है. कंपनी को शीशियों में क्रिस्टलीकरण यानी दाने बनने की कई शिकायतें मिलीं थीं.

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भारत की शीर्ष दवा नियामक इकाई, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि उनका ऑफिस दोनों कंपनियों से, भारत में बिक रहे ऐसे ही उत्पादों की स्थिति के बारे में पता कर रहा है. ‘हम अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम पर नियमित रूप से निगाह रखते हैं और भारतीय बाज़ार की स्थिति का पता लगाने के लिए कंपनियों के संपर्क में रहते हैं. चिंता की कोई बात नहीं है, हम दोनों कंपनियों के संपर्क में हैं’.

दिप्रिंट ने टिप्पणी लेने के लिए ईमेल के ज़रिए, ज़ायडस कैडिला और एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स दोनों से संपर्क किया, लेकिन इस ख़बर के छपने तक दोनों से कोई जवाब नहीं मिला था.


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‘ख़तरनाक नतीजे’

यूएस एफडीए के अनुसार दोनों कंपनियों ने 24 मार्च को दवाओं की ‘स्वेच्छा से वापसी’ का ऐलान किया.

ज़ायडस फार्मास्यूटिकल्स (अमेरिका) इंक के ऐलान के अनुसार, जो यूएस एफडीए की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ, ‘क्रिस्टल बन गए एसीक्लोविर सोडियम इंजेक्शन, 50 एमजी/एमएल को लगाने में, संभावित रूप से ख़तरनाक विपरीत प्रतिक्रिया की आशंका है…’

उसमें कहा गया कि इसके परिणामों में, ‘इंजेक्शन की जगह पर नस में सूजन और लोकल प्रतिक्रियाएं, ख़ून की नसों में क्षति या बाधा, जिससे ख़ासकर फेफड़ों में थक्के बन सकते हैं, कणिकीय पदार्थों का ख़ून के प्रवाह में घुस जाना, जिससे थक्के बन सकते हैं, और नतीजे में स्ट्रोक, दिल का दौरा, लिवर और गुर्दों के काम में कमी या टिश्यूज़ अथवा सेल्स का नष्ट हो जाना शामिल हैं’.

लेकिन, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि ‘उसे इस उत्पाद की वापसी से जुड़ी किसी विपरीत प्रतिक्रिया की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है’.

एलेम्बिक की घोषणा में, जिसने टेल्मिसार्टन को वापस मंगाया है, कहा गया है कि उच्च रक्तचाप की दवा ‘ऐसे मरीज़ों को प्रभावित कर सकती है, जो लंबे समय तक टेल्मिसार्टन की डबल ख़ुराक पर रहे हों. उन्हें निम्न रक्तचाप का अनुभव हो सकता है, किडनी फंक्शन बिगड़ सकता है, या उनका पोटेशियम बढ़ सकता है, जो ख़तरनाक साबित हो सकता है’.

कंपनी ने ये भी स्पष्ट किया कि, ‘एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड को इस वापसी से जुड़ी किसी विपरीत घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है’.

उसने ये भी ऐलान किया है कि ‘गोलियों के आकार और उन पर उभरे हुए विवरण को चेक करके, ग़लत उत्पाद का पता लगाया जा सकता है…’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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