एक आईएएस अधिकारी का जीवन अब बोरिंग नहीं रहा है बल्कि ये बातें पुरानी हो गई हैं. ऐसी ही हैं आईएएस अधिकारी और जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी, जब भी वो अपनी इंस्टाग्राम प्रोफाइल फोटो बदलती हैं, चाहें वो अपने पति के साथ घूमने जाती हैं, या काम के दौरान कोई एक्शन लेती हैं यहां तक कि बिंदी भी लगाती हैं, तो वह खबर बन जाती हैं.
वह एक तरह से बॉलीवुड स्टार की तरह सेलीब्रिटी बन गयी हैं. जिस तरह स्टार्स अपने ट्रेवल गेट-अप्स से एयरपोर्ट फैशन को बढ़ावा देते हैं, वैसे ही कंस्ट्रक्शन साइट्स और सरकारी गोदामों में उनका जाना अपने आप में एक पूरा लुक होता है.
दिल्ली की रहने वाली डाबी ने 2015 में यूपीएससी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके देश का ध्यान आकर्षित किया था. यह उनका पहला प्रयास था और उस समय वह केवल 22 वर्ष की थीं.
रातों-रात, वह एक सेलिब्रिटी बन गई, एक घरेलू नाम जिसे सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने की उम्मीद कर रहे लाखों युवा उम्मीदवारों ने अपना आदर्श बना लिया. और तब से जनता की निगाहें उन पर से कम नहीं हुई हैं.
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‘आईएएस टीना डाबी मैडम’
यूट्यूब पर ‘टीना डाबी की सफलता की रणनीति’ की वीडियो भी है. एक आईएएस अधिकारी से उनकी दूसरी शादी ने न केवल अखबारों में बल्कि राष्ट्रीय दैनिकों और पत्रिकाओं में भी सुर्खियां बटोरी. ‘मिलिए उस आईएएस अधिकारी से जो यूपीएससी टॉपर टीना डाबी से शादी करने के लिए तैयार’ (हिंदुस्तान टाइम्स), ‘आईएएस परीक्षा की टॉपर टीना डाबी फिर से शादी के बंधन में बंधने को तैयार (इंडिया टुडे)’ उनके निजी जीवन पर कई समाचारों की सुर्खियां थीं.
लोग ‘आईएएस टीना डाबी मैडम’ के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं. वह क्या पहनती है, कैसे चलती है, कैसे अपना काम करती है. डाबी के खाने, चलने या दिन के साथ काम करने की सांसारिक क्लिप ने यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर्स और फैंस को प्रेरित किया है.
वह कभी-कभी गूगल सर्च पर भी ट्रेंड करती हैं. उसकी जन्म स्थान से लेकर उसकी जाति, विवाह और उसके पति तक की सारी जानकारी ऑनलाइन है. पांच सेकंड की एक क्लिप में नाश्ते के बाद अपने कुर्ते पर हाथ पोंछते हुए वीडियो पर आये यूट्यूब की एक टिप्पणी पढ़ें, ‘आपको खाने के बाद अपने हाथ धोने चाहिए या नैपकिन का उपयोग करना चाहिए.’ अन्य लोग उसके बचाव में उठे, उसके काम की सराहना की.
आठ सेकंड की एक क्लिप, जिसमें डाबी को एक वाहन से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है, को लगभग दो लाख बार देखा गया है. उन्होंने फ्लोरल प्रिंट सलवार-कमीज के ऊपर स्वेटर पहना हुआ है. एक फैन ने कहा, ‘एक आईएएस मैडम बेहद खूबसूरत अंदाज में.’ एक अन्य रील में, एक कंटेंट क्रिएटर ने ‘तुम छुपा न सकोगी मैं वो राज हूं’ का उपयोग करते हुए अपनी सभी तस्वीरों का एक स्लाइड शो बनाया. इसे 1.5 मिलियन से अधिक बार देखा गया है.
आईएएस अधिकारी के अधिकांश वीडियो को एक लाख से अधिक बार देखा गया और हजारों टिप्पणियां मिलीं.
डिजिटल मीडिया
2017 में सहायक कलेक्टर, अजमेर, राजस्थान के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग के बाद से, डाबी ने भारतीय ब्यूरोक्रेसी के रैंक में वृद्धि की है. नवंबर 2020 तक, वह जयपुर में संयुक्त सचिव वित्त (कर) विभाग में थीं और वर्तमान में जैसलमेर में जिला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट हैं.
पत्रकार डाबी की निजी जिंदगी के बारे में खुलकर बात करने की कोशिश करते रहते हैं. ‘लेकिन वह केवल काम की बात करती है. उससे किसी भी बारे में बात करना मुश्किल है. वह मीडिया का अधिक मनोरंजन नहीं करती हैं, जैसलमेर स्थित एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, जो अपना नाम नहीं बताना चाहता था.
फ़ेम फ़ेक न्यूज़ के साथ-साथ अपनी उचित हिस्सेदारी भी लाता है. नवंबर में डाबी के गर्भवती होने का दावा करने वाले कुछ वीडियो वायरल हुए थे. जिस चीज ने अफवाहों को हवा दी, वह एक साधारण शॉल थी जिसे आईएएस अधिकारी ने खुद पर लपेट रखा था.
और डिजिटल मीडिया, जो क्लिक्स का गुलाम है, इस जुनून को बढ़ावा देता है. ‘कपड़े ठीक करती नजर आई टीना डाबी’ या ‘टीना डाबी इस कार को चलाती हैं’ और ‘आईएएस टीना डाबी ने डाली रोमांटिक फोटो, हुई वायरल’ जैसी सुर्खियां’ क्लिक की गारंटी देता है.
ए-लिस्टर्स और बॉलीवुड सितारों की तरह, डाबी के परिवार के सदस्य भी अक्सर खुद को सुर्खियों में पाते हैं. उनकी बहन रिया डाबी– एक नवनिर्मित आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने 2020 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया था- भी लोकप्रिय हो रही हैं. एक हेडलाइन पढ़ी गई: ‘टीना डाबी की बहन आईएएस रिया डाबी ने सोशल मीडिया पर डाली नई तस्वीर, नेटिज़ेंस ने कहा ‘कलेक्टर मैम तो…’
आईएएस और आईपीएस कैडर ग्रुप भी डाबी से जुड़ी खबरों से गुलजार हैं. तीन से अधिक अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उनके क्लोज ग्रुप के भीतर उनके बारे में बहुत सी अटकलें हैं. और उसके बैचमेट्स और जूनियर्स के बीच थोड़ी ईर्ष्या भी है. जिस आईएएस अधिकारी से दिप्रिंट ने बात की, उसके अनुसार इन क्लोज ग्रुप में से कुछ ने उनकी योग्यता पर सवाल उठाते हुए भद्दी टिप्पणियां जारी रखी हैं – कि वह आरक्षण से लाभान्वित हुई हैं.
एक आईएएस अधिकारी कहते हैं, ‘आईपीएस और आईएएस के इनर सर्कल में कुछ उनके काम की तारीफ करते हैं तो कुछ सवाल उठाते हैं.’
ब्यूरोक्रेसी वर्गों में ऐसी अफवाहें भी है कि टीना डाबी की अपनी एक पीआर टीम है. जैसलमेर में पत्रकारों और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जिनसे दिप्रिंट ने बात की, ने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
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आईएएस पहले
डाबी के लिए, यह सब बैकग्राउंड शोर हो सकता है. काम उसकी प्राथमिकता है. महामारी के दौरान, भीलवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा अपनाया गया ‘निर्मम नियंत्रण’ मॉडल, जिसका वह हिस्सा थीं, अन्य जिलों द्वारा भी अपनाया गया था.
उस समय, एक 26 वर्षीय डाबी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था कि उसने जो पहला काम किया, वह भीलवाड़ा जिले को अलग-थलग करना और नागरिकों को भरोसे में लेना था.
विद्या सखी योजना के तहत टीना डाबी स्कूल में लड़कियों का नामांकन बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. और उनकी निगरानी में, जैसलमेर को नवंबर में नीति आयोग के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम में दूसरे स्थान से भी नवाजा गया था. कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में 117 पिछड़े जिलों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार करना है.
राजस्थान के एक अधिकारी ने कहा, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे ‘टीना डाबी को उनके काम के आधार पर आंका जाना चाहिए. वह इसे लेकर बहुत जुनूनी हैं और बेहतरीन काम कर रही हैं. लेकिन कई बार उन्हें लेकर जो खबरें या रील देखने को मिलती हैं वो परेशान कर देने वाली होती हैं. कोई भी अपनी निजी जिंदगी को निजी रखना चाहेगा. लेकिन सोशल मीडिया सीमाओं को नहीं समझता है.’
ट्रोल्स और ट्रोलर्स
कुछ महीने पहले, जब डाबी ने इंस्टाग्राम पर 42 वर्षीय आईएएस अधिकारी प्रदीप गावंडे से अपनी सगाई की घोषणा की, तो उन्होंने लिखा: ‘आपने जो मुझे जो मुस्कान दी है, वो मेरे होठों पर है.’
उनकी पोस्ट शुभचिंतकों की टिप्पणियों से भर गई, लेकिन कुछ ने दोनों के बीच उम्र के अंतर के कारण उन्हें टीना के पिता के रूप में संदर्भित किया.
डाबी ने कॉमेंट सेक्शन में लिखा, ‘हम यहां ट्रोलर्स की इल्लॉजिकल और इमेच्योर टिप्पणियों से काफी हैरान हैं. यह स्पष्ट रूप से हास्यास्पद है कि वे कैसे मान लेते हैं कि उनकी गलत राय हमारे लिए थोड़ा भी मायने रखती है.’
यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक था जहां उसने आलोचकों को ऑनलाइन संबोधित किया.
अन्य महिला आईएएस अधिकारियों को भी सोशल मीडिया पर बारीकी से फॉलो किया जाता है, हालांकि शायद डाबी जैसी तीव्रता से नहीं. असम की आईपीएस अधिकारी संजुक्ता पराशर के पास एक वफादार प्रशंसक है. भोपाल की आईएएस अधिकारी सृष्टि देशमुख भी अपनी मार्कशीट से लेकर शादी तक कड़ी सुरक्षा से गुजरती हैं. केरल की रहने वाली दिव्या एस अय्यर आए दिन अपने पुराने वायरल डांस वीडियो को लेकर चर्चा में रहती हैं.
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शैलजा चंद्रा कहती हैं, ‘जब महिलाएं सिविल सेवा में शामिल होती हैं, तो वे भविष्य के हजारों उम्मीदवारों को प्रेरित करती हैं. लेकिन आईएएस/आईपीएस महिलाओं के लुक्स या ड्रेस की चापलूसी करने की प्रवृत्ति गलत है.’
लेकिन भारत की विशाल ब्यूरोक्रेसी भी उस बदलाव से अछूती नहीं रही है जो सोशल मीडिया जीवन के हर क्षेत्र लेकर आई है.
चंद्रा कहते हैं, ‘हमें काम के लिए श्रेय लेने से बचने को कहा गया था और स्पष्टीकरण देते समय भी कॉल करने वाले से सब कुछ गुप्त रखने का अनुरोध करना पड़ता था जब तक कि कोई प्रवक्ता न हो. लेकिन अब समय बदल गया है.’
‘इन दिनों, हर कोई सोशल मीडिया पर उपलब्धियों को उजागर करके कार्यों का श्रेय लेना पसंद करता है – यहां तक कि व्यक्तिगत कार्यक्रमों की तस्वीरें भी साझा करते हैं.’
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(संपादन: अलमिना खातून)
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