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Tuesday, 19 November, 2024
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भाभी, बहू, या जासूस? भारत-पाकिस्तानी प्रेमियों के कारण ग्रेटर नोएडा में छिड़ी शक और रोमांस की जंग

रबूपुरा के गांव वाले अब अपनी वीर-ज़ारा और गदर: एक प्रेम कथा का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच, मुस्लिम निवासियों को चिंता हो रही है कि इससे सांप्रदायिक तनाव पैदा होगा.

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रबूपुरा (ग्रेटर नोएडा): ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव में 22 वर्षीय सचिन मीना के घर के बाहर एक संकरी, बदबूदार गली में रोमांस और शक का युद्ध जारी है. एक युवा छात्र दिनेश चिल्लाता हुआ कहता है कि “वह हमारी भाभी है. उनका प्यार वो गोंद है जो भारत और पाकिस्तान को एक साथ जोड़ देगा!” वहीं दूसरा कहता है “पबजी खेलते समय तुम्हें कैसे प्यार हो जाता है!” यहां रह रहे लोग प्यार और रोमांस पर खूब गरमागरम बहस कर रहे हैं – इस बहस पर नालों से आ रही बदबू और चिपचिपी गर्मी का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है.

यहां जिस भाभी का जिक्र किया गया है, वह 27 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर हैं, जो कथित तौर पर अपने चार बच्चों के साथ सचिन के साथ रहने के लिए नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई हैं, जिसके बारे में उसने दावा किया था कि उसे PUBG खेलते समय प्यार हो गया था.

जुलाई की शुरुआत में, जब युवा जोड़ा शादी करने के लिए एक वकील के पास गया, तो उसने पुलिस को सूचित किया. सचिन के पिता नेत्रपाल सिंह के साथ दंपति को 4 जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत गिरफ्तार किया गया था. चार दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

सीमा और सचिन की प्रेम कहानी एक बॉलीवुड फिल्म की तरह है – लेकिन उन दोनों के प्यार के बीच 75 साल पहले बनाई गई एक बॉर्डर है, जिसने पुराने साथियों को कभी न खत्म होने वाली दुश्मनी में बदल दिया है और जान की प्यासी जनता को उनके रिश्ते के हर छोटे पहलू की जांच करने के लिए बेचैन कर दिया है.

कुछ निराश रोमांटिक लोग सामने आ रही इस कहानी की तुलना सीमा पार रोमांस फिल्म वीर-ज़ारा (2004) से भी कर रहे हैं. सचिन के पड़ोस में रहने वाली एक युवा लड़की कहती है, “इस प्रेम कहानी पर वे जो फिल्म बना रहे हैं उसे देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते! तब रबूपुरा सिनेमा में होगा!”

Women of Rabupura sit and discuss the romance of Sachin and Seema | Shubhangi Misra/ThePrint
रबूपुरा की महिलाएं बैठकर सचिन और सीमा के रोमांस पर चर्चा करती हैं | शुभांगी मिश्रा/दिप्रिंट

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सीमा के भाई और पिता पाकिस्तानी सेना में हैं, जिसने इस प्रेमी जोड़े की जिंदगी दंपति के लिए और अधिक बाधाएं पैदा कर रही हैं, उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने सवाल उठाया है कि क्या सीमा जासूस है.

सचिन, सीमा और नेत्रपाल को पुलिस 17 और 18 जुलाई की सुबह अज्ञात स्थानों पर पूछताछ के लिए ले गई और दोनों दिन रात में पुलिस के साथ उन्हें वापस लाया गया. लेकिन पुलिस को अभी तक ‘जासूसी’ वाला एंगल नहीं मिला है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “एमईए (विदेश मंत्रालय) के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, उसे यहां मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और अंततः निर्वासित किया जाएगा. हमें अभी तक कहानी में कोई जासूसी एंगल नहीं मिला है.”


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रोमांटिक

युवा लड़कियों का एक ग्रुप रबूपुरा में एक घर के आंगन में बैठकर 2006 की फिल्म फना का ये सबसे प्रसिद्ध गाना गा रहीं हैं, “तेरे हाथ में…मेरा हाथ हो…!”

रबूपुरा में रहने वाली हाउसवाइफ कुसम कहती है, “वह जासूस नहीं है.” वह आगे कहती हैं ”वह अपने बच्चों की सुरक्षा को यहां लाकर जोखिम में नहीं डालती. दोनों सरकारों को उन्हें ऐसे ही रहने देना चाहिए.”

गांव में गुलाबी रंग का चश्मा लगाए पुरुष और महिलाएं उम्मीद कर रहे हैं कि यह जोड़ा फिर से एक हो जाए और शांतिपूर्ण जीवन जिए. एक युवा लड़की नाम न छापने की शर्त पर कहती है, “क्या आपने एक-दूसरे से प्यार का इज़हार करने का उनका वीडियो देखा है? यह देखकर मेरा दिल टूट जाता है कि पूरी दुनिया उन्हें तोड़ने पर तुली हुई है.”

वह जोड़े के इंस्टाग्राम अकाउंट को स्क्रॉल करती है और प्यार से सीमा और सचिन का एक वीडियो दिखाती है, जिसमें वे गले मिलाकर बैठे हैं, एक-दूसरे की आंखों में देख रहे हैं और शायरी कर रहे हैं. “क्या यह वह प्रेम कहानी नहीं है जिसका हम सब सपना देखते हैं? मुझे उम्मीद है कि लोग उन्हें अकेला छोड़ देंगे.”

जो सचिन और सीमा को नहीं जानते थे उन गांव वालों ने भी सीमा और सचिन की मदद की थी, जबकि पुलिस उनके पुनर्मिलन तक उनकी तलाश कर रही थी. अब भी, उनमें से कुछ लोग उसकी धाराप्रवाह अंग्रेजी और हिंदी के बारे में पूछते हैं, लेकिन इन आरोपों को स्वीकार नहीं करते कि वह जासूस हो सकती है. कुछ लोग खुद को उस जोड़े से खुद को जोड़ने से बच रहे हैं लेकिन उनकी सहानुभूति उनके साथ है.

बनियान पहने और अपनी छोटी सी किराना दुकान में कूलर के सामने बैठे हरिओम लाला ने भी सचिन की मदद की थी. उनका दावा है कि उन्होंने इस साल मार्च में सचिन को 20,000 रुपये उधार दिए थे, जब सचिन ने कहा था कि उन्हें वैष्णो देवी जाने के लिए पैसे की जरूरत है.

लाला कागज का एक मोटा टुकड़ा निकालते हैं जिस पर तारीखें लिखी हुई हैं, उनका दावा है कि यह उन 19 दिनों से मेल खाता है जब सचिन छुट्टी पर गए थे. वे कहते हैं, “मैं बहुत परेशान हूं; मुझे यह भी नहीं पता था कि वह एक महिला को गांव में लाया था. उन्होंने मुझे इसके बारे में कभी नहीं बताया.”

सचिन दो साल से लाला की दुकान पर काम कर रहा था. मालिक मीना को शांत और संस्कारी बताते हैं. वह कहते हैं, “[उसके] खाली समय के दौरान, उसने अपने फोन पर बहुत PUBG खेला. मैं बस इतना ही जानता हूं.”

लाला कहते हैं कि सचिन और उधार मांगता रहा, लेकिन मैंने उसे फिर उधार नहीं दिया. उसने पहले उसे लगभग 20,000 रुपये उधार दिए थे, जिसे अब वो वापस नहीं मांगेंगे ऐसा उन्होंने फैसला किया है. लाला मुस्कुराते हुए कहते हैं, “जब आप किसी को काम पर रखते हैं, तो आपको कभी-कभी आर्थिक रूप से उनकी मदद करनी पड़ती है.”

रोमांटिक हों या न हों, रबूपुरा में कोई भी इस जोड़े के साथ जुड़ने को तैयार नहीं है. कोई भी यह दावा नहीं करता कि उन्होंने महिला और उसके चार बच्चों पर ध्यान दिया है या उससे बात की है. सीमा के मकान मालिक का कहना है, ”वह शायद ही कभी अपने कमरे से बाहर निकलती थी.”

और कोई भी अपनी पहचान सचिन के दोस्त या रिश्तेदार के रूप में भी नहीं बता पाएगा. अधिकांश लोग कहते हैं कि सचिन मारिजुआना (एक तरह के नशे) का आदी है और शायद ही कभी किसी से बातचीत करता है. एक आदमी को छोड़कर वह हैं ग्रिजेश कुमार.

कुमार ने सीमा को 2,500 रुपये प्रति माह पर एक कमरा किराए पर दिया था. सत्यापन के लिए, उन्होंने सचिन की आईडी की मांग की थी क्योंकि एक महिला का दस्तावेज़ मांगना, उनका कहना है, गांव में न केवल असामान्य है बल्कि असभ्य भी है. कुमार कहते हैं, “उन्होंने मुझे बताया कि सीमा बुलंदशहर जिले के अहमद नगर नामक गांव से है. मैंने सचिन की बात मान ली क्योंकि वह इसी शहर से हैं,” वह आगे कहते हैं “उन्होंने मुझे बताया कि वे कोर्ट में शादी करने जा रहे हैं. उनका परिवार सीमा और उनके बच्चों से मिलने आता था. मुझे उनके रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी और मैंने ज्यादा सवाल नहीं पूछे.’

हालांकि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते कि सीमा जासूस है या नहीं, लेकिन वह उनके रोमांस पर भी संदेह नहीं जताएंगे. कुमार कहते हैं, ”वे खुश लग रहे थे.”

शक

20 वर्षीय अहमद कुरेशी, रबूपुरा में हैदर के किराए के घर के सामने खड़े हैं और जोर-जोर से जोड़े की आलोचना तब तक करते हैं जब तक कि एक पत्रकार उसे दूर नहीं कर देता. वह कैमरे के सामने अपनी राय रखने के लिए उत्सुक दिखते हैं.

Another crowd, media personnel gathered outside Sachin's house | Shubhangi Misra/ThePrint
सचिन के घर के बाहर जुटी लोगो और मीडियाकर्मी की भीड़ | शुभांगी मिश्रा/दिप्रिंट

क़ुरैशी कहते हैं, पिछले दो महीनों में, ग्रामीणों ने सीमा को शायद ही कभी देखा हो. उन्हें तो ये भी नहीं पता था कि सचिन किसी पार्टनर को घर लेकर आया है. क़ुरैशी को डर है कि इस प्रेम कहानी से गांव में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है.

युवा व्यवसायी को जोड़े के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है. क़ुरैशी कहते हैं, “तो आपका मतलब है कि कोई भी अपनी इच्छानुसार देश में प्रवेश कर सकता है? क्या होगा यदि वह आतंकवादी स्लीपर सेल का [हिस्सा] निकली? हम पाकिस्तान से किसी को भी यहां नहीं रख सकते. उसे वापस भेजो!”

कई ग्रामीणों का कहना है कि मीडिया की चकाचौंध, वायरल रील्स और सचिन की गरीबी ऐसे कारक हैं जिनके कारण सीमा और सचिन का रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक सकता.

नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण कहता है, ”प्यार का जुनून उतनी ही तेजी से उतरता है, जितनी तेजी से यह आपके सिर पर चढ़ता है.” “सचिन एक छोटी सी किराना दुकान में सहायक के रूप में काम करता है. उसके पास न जमीन है, न पैसा. वह नई पत्नी के साथ चार बच्चों का पालन-पोषण कैसे करेगा?”

शक करने वालों के लिए, सीमा एक विदेशी है जो तभी स्वीकार्य होती अगर वह सही तरह से और आवश्यक दस्तावेजों के साथ भारत आती. गांव के लोग, विशेषकर मुसलमान नहीं चाहते कि उसकी उपस्थिति से गांव में कोई तनाव हो.

कुछ लोग पाकिस्तान में सीमा के पहले पति गुलाम हैदर के प्रति भी सहानुभूति रखते हैं. हैदर ने पहले एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें सीमा और उनके बच्चों से वापस लौटने की गुहार लगाई गई थी.

राजमिस्त्री का काम करने वाली एक महिला कहती है, “सचिन ने गुलाम के बारे में नहीं सोचा. यह सब देखकर वह टूट गया होगा. जाने कब से वह सीमा को ढूंढ़ रहा था! उनके बच्चों को भी यहीं लाया गया था. यह सही नहीं है.”

रबूपुरा में दिल्ली के मीडिया कर्मियों और यहां तक कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है, जो सचिन का घर देखने आते हैं. गांव वाले अब अपनी गलियों में मुंबई के फिल्म निर्माताओं के उतरने का इंतजार कर रहे हैं. वे अपनी वीर-ज़ारा और गदर: एक प्रेम कथा की प्रतीक्षा कर रहे हैं. यह एपिसोड गदर जैसी महान प्रतिष्ठित फिल्म को जन्म देगा. कुसुम कहती हैं, ”किसी ने पहले ही इसे लिखना शुरू कर दिया होगा.”

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(संपादन: पूजा मेहरोत्रा)


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