scorecardresearch
Monday, 18 November, 2024
होमफीचरबांग्लादेश की स्वरा भास्कर— कौन हैं अभिनेत्री रफियाथ मिथिला, जिन पर समाज को भ्रष्ट करने का आरोप लगाया गया

बांग्लादेश की स्वरा भास्कर— कौन हैं अभिनेत्री रफियाथ मिथिला, जिन पर समाज को भ्रष्ट करने का आरोप लगाया गया

राफियाथ राशिद मिथिला ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत तब की जब वह तीसरी कक्षा में थीं. मिथिला के करियर का उदय बांग्लादेश के चोरकी और पश्चिम बंगाल के होइचोई जैसे OTT प्लेटफार्मों के चलते हुआ.

Text Size:

ढाका: आम चुनाव से कुछ महीने पहले बांग्लादेश, भारतीय फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के द्वारा बनाई जा रही बायोपिक- मुजीब: द मेकिंग ऑफ ए नेशन के माध्यम से अपने संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को फिर से याद कर रहा है. लेकिन रहमान बांग्लादेश के अकेले शख़्सियत नहीं हैं जिनके पास बताने के लिए दिलचस्प कहानी है. उनकी बेटी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की कहानी भी रोचकता से भरी हुई है. 

उनके लिए साल 2023 आसान नहीं रहा है. लेकिन हसीना आगे की सबसे कठिन लड़ाई के लिए तैयार है जो इस्लामी समूहों, विरोध प्रदर्शनों और सड़कों पर हो रही हिंसा के खिलाफ है. और बांग्लादेश की शीर्ष अभिनेत्री राफियाथ राशिद मिथिला उनकी राजनीतिक यात्रा पर नोट्स ले रही हैं.

बांग्लादेशी सिनेमा में मिथिला का वही स्थान है जो भारतीय फिल्मों में स्वरा भास्कर का है – आर्ट, एक्टिविज्म और एक्टिंग के साथ और बिना किसी ग्लैमर के काम. उन्होंने बांग्लादेशी OTT सीरीज माईसेल्फ एलन स्वपन में एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई  है जो जुनून और अंतरंगता को फिर से खोजने के बाद एक धोखेबाज को अपने पति के रूप में स्वीकार करती है. शेक्सपियर की बर्बादी पर आधारित फिल्म माया में उन्होंने लेडी मैकबेथ का किरदार निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और अभी वह टॉलीवुड फिल्म मेघला में एक्टिंग करने के लिए तैयार हैं. लेकिन यह बांग्लादेशी प्रधानमंत्री का किरदार हैं जिन्होंने उनका ध्यान खींचा है.

हसीना पर बायोपिक के लिए यह बिल्कुल सची समय है और मिथिला यह रोल करना चाहती हैं.

वह कहती हैं, “मुझे कोई ऐसी जर्नी बताइए जो शेख हसीना से भी अधिक दिलचस्प हो. एक वर्ल्ड लीडर जिन्होंने सभी प्रकार की समस्याओं का सामना किया, हत्या के प्रयासों से बच गई, अपने परिवार को ख़त्म होते देखा और फिर भी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ अपने देश का नेतृत्व करना जारी रखा. अगर मुझे उनकी बायोपिक में उनका किरदार निभाने का मौका मिले तो मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानूंगी.”

वह ढाका में अपने एक आर्टिस्ट फ्रेंड की स्टूडियो में बैठी हैं. आरामदायक अटारी स्टूडियो की दीवारें पेंटिंग्स से भरी हुई हैं, लेकिन रंगों के इस भीड़ में भी मिथिला अलग दिखती हैं.

वह बचपन से ही बांग्लादेश की लोकप्रिय संस्कृति का हिस्सा रही हैं, उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत तब की थी जब वह तीसरी कक्षा में थीं. मिथिला का उदय बांग्लादेश के चोरकी और पश्चिम बंगाल के होईचोई जैसे OTT प्लेटफार्मों के विकास के साथ हुआ है. ये प्लेटफार्म कंटेट को लेकर पहले से बनी दिवारों को तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं. उन्हें ‘एक्टिविस्ट-एक्टर’ और ‘सोचने वाले आदमी की नायिका’ कहा गया है.

लेकिन मंच और कैमरे के प्रति उनका प्यार सीखने की उसकी ज़रूरत के साथ-साथ चलता है. उनके पास स्नातक की डिग्री और दो मास्टर डिग्री हैं, एक ढाका विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में और दूसरी बीआरएसी विश्वविद्यालय से प्रारंभिक बचपन विकास में. मिथिला ने मिनेसोटा विश्वविद्यालय में इस क्षेत्र में अपनी पढ़ाई जारी रखी और अब जिनेवा विश्वविद्यालय में प्रारंभिक बचपन की शिक्षा पर पीएचडी कर रही हैं.

39 साल की उम्र में वह सशक्त महिलाओं की भूमिकाएं निभाना चुनती हैं. लेकिन सबसे लंबे समय तक, वह टेलीफिल्म्स में पड़ोस की लड़की थी, जो नायक के प्यार में पड़ गई, अपने प्यार को जीवित रखने के लिए समाज से लड़ रही थी और अपने प्रेमी का हाथ पकड़कर सूर्यास्त में चल रही थी. बांग्लादेश को मिथिला से प्यार हो गया, लेकिन वह और अधिक के लिए तैयार थी. 

मिथिला कहती हैं, “मैं बार-बार एक ही रोल करके थक गई थी. मैंने बांग्लादेश में लगभग 100 टेलीफिल्मों में ऐसे रोल किए. उन्होंने मुझे बहुत लोकप्रिय बना दिया, लेकिन मैं बोर भी होने लगी थी.” 

Rafiath Rashid Mithila | Special arrangement
रफियाथ राशिद मिथिला | फोटो: विशेष प्रबंधन

यह भी पढ़ें: 1.63M सब्सक्राइबर्स के साथ कौन हैं बांग्लादेशी यूट्यूबर सुमोन, जिन्होंने दुर्गा पूजा के इतिहास को सुलझाया


धुंधली होती सीमाएं

फिल्ममेकर राजहोरशी डे की माया ने उन्हें महिला मानस की गहराइयों को छूने में मदद की. यह फिल्म इसी साल जुलाई में पश्चिम बंगाल के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी.

मिथिला कहती हैं, “मैं फिल्म में माया का किरदार निभा रही हूं जो लेडी मैकबेथ और तीन चुड़ैलों का मिश्रण है. यह एक ऐसा प्रदर्शन था जिसे सीमा के दोनों ओर जमकर सराहा गया.”

बांग्लादेश में उनकी आने वाली फिल्मों में से एक, जोले जोले तारा में वह एक गांव की सर्कस डांसर और सेक्स वर्कर की भूमिका निभाती हैं. यह समाज के हाशिए पर मौजूद एक लड़की की कहानी है जो जिंदगी से हार नहीं मानती.

इस प्रकार के रोल मिथिला को अभिनय की ओर और अधिक आकर्षित करते हैं, चाहे फ़िल्में हों, टीवी धारावाहिक हों या OTT प्लेटफ़ॉर्म हों. वह व्यंगात्मक ढंग से कहती है कि पेड़ों के चारों ओर नृत्य करना और फैशन पत्रिकाओं के कवर पर छपने में उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं है.

बांग्लादेश के OTT प्लेटफॉर्म चोरकी में उनके हालिया प्रदर्शनों में से एक माईसेल्फ एलन स्वपन को आलोचकों की प्रशंसा और आलोचना समान रूप से मिलीं.

Rafiath Rashid Mithila in Myself Allen Swapan | Chorki
रफियाथ रशीद मिथिला माइसेल्फ एलन स्वपन में | फोटो: चोरकी

ड्रग्स की हिंसक दुनिया और बार्डर पुलिस पर आधारित वेब सीरीज़ की शुरुआत बांग्लादेश सरकार द्वारा ड्रग लॉर्ड एलन स्वपन को खत्म करने की कोशिश से होती है.

वह भाग जाता है और अपने अलग हो चुके भाई, समसूर रहमान की पहचान बनाकर रहता है, जिसे वह मार देता है. स्वपन अपने भाई के घर रहने चला जाता है और चोरी की जिंदगी जीने लगता है. लेकिन रहमान की पत्नी शायला, जिसका किरदार मिथिला ने निभाया है, को लगता है कि कुछ गड़बड़ है. भले ही स्वपन उसके पति की तरह दिखता और उसी की तरह व्यवहार करता है, लेकिन जब दोनों सेक्स करते हैं तभी उसे एहसास होता है कि घर में मौजूद आदमी उसका पति नहीं, कोई धोखेबाज है.

मिथिला कहती हैं, “शायला ने समसूर रहमान के साथ यौन संबंध रहित विवाह किया था. वह न केवल अपनी यौन पसंद का प्रयोग करती है और एक ऐसे व्यक्ति के साथ सोती है जो उसका पति नहीं है, बल्कि वह दुनिया से यह भी झूठ बोलती है कि एलन स्वपन समसुर रहमान है, यह महसूस करने के बाद भी कि उसके जीवन में नया आदमी एक बड़ा अपराधी है. यह एक ऐसी भूमिका थी जिसने निश्चित रूप से बांग्लादेश में OTT कंटेट को आगे बढ़ाया है.” 

रोल की जटिलता ने बांग्लादेश के रूढ़िवादी दर्शकों को परेशान कर दिया. मिथिला पर “विवाह की सीमाओं से बाहर निकलने वाली शायला जैसी महिलाओं की भूमिका निभाकर समाज को भ्रष्ट करने” के लिए हमला किया गया था. वह कहती हैं कि ‘हर एक महिला’ शायला हैं. और उसका किरदार निभाते समय उन्हें एक शायला जैसी महिला की तरह खुद को ढालना पड़ा. 

उन्होंने गैर सरकारी संगठनों और महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ काम करने वाली महिलाओं से उनके अनुभवों के बारे में बात की, जहां उनकी समाज के सभी वर्गों की महिलाओं से मुलाकात हुई.

मिथिला ऑनलाइन ट्रोल से ज्यादा परेशान नहीं होती.

वह मुस्कुराते हुए कहती है, “मैं अपनी किरदार और उनके द्वारा दिए जाने वाले सामाजिक संदेश पर विश्वास करती हूं. मुझे लगता है कि यह मेरे अंदर का एक्टिविस्ट है जो रास्ते में आने वाली किसी भी प्रकार की कठिनाइयों से घबराता नहीं है.” 

Rafiath Rashid Mithila as Mayaa | Twitter

आर्ट एंड एक्टिविज्म

एनजीओ बीआरएसी इंटरनेशनल में प्रारंभिक बचपन विकास कार्यक्रम के प्रमुख के रूप में मिथिली न केवल बांग्लादेशी महिलाओं के साथ बल्कि युगांडा, तंजानिया, केन्या, दक्षिण सूडान, रवांडा और फिलीपींस जैसे देशों की महिलाओं के साथ भी काम किया है. बालिकाओं की शिक्षा जैसे मुद्दों उनका पसंदीदा विषय है. 

मिथिला कहती हैं, “शायला के विपरीत, मैं विशेषाधिकार प्राप्त परिवार से आती हूं. हालांकि, मेरे एनजीओ के काम ने मुझे जीवन को उन लोगों के नजरिये से देखने पर मजबूर कर दिया है जो मेरे जैसे भाग्यशाली नहीं हैं. जब भी मुझे किसी अलग सामाजिक वर्ग की महिला की भूमिका निभानी होती है, तो मुझे केवल उन लोगों को याद रखना होता है जिनके लिए मैं काम करती हूं.”

राफियाथ रशीद मिथिला का कहना है कि उनका जीवन ग्लैमर इंडस्टी में एक मुकान पाने से कहीं अधिक है.

अभिनेत्री का कहना है कि महाद्वीपों के बीच रहना और बच्चों तथा पीड़ितों के लिए काम करने से उनके कलात्मक व्यक्तित्व में समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना आई है.

द गार्जियन के लिए 2015 के लिए गए एक लेख में, मिथिला ने एक कार्यक्रम में अपनी भागीदारी पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य अफ्रीकी देशों में किशोर लड़कियों के लिए क्सास शुरू करना था क्योंकि वहां के कई स्कूल लड़कियों के लिए असुरक्षित थे.

वह कहती हैं, “मैंने दुनिया के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक यात्रा करते हुए खुद को क्षैतिज रूप से पतला कर लिया है.”

मिथिला कहती हैं, ”मेरा जीवन ग्लैमर इंडस्ट्री में ऊंचाइयों को छूने से कहीं अधिक है.”

चोरकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान

पश्चिम बंगाल और बांग्लादेशी सिनेमा दोनों में एक्टिंग करने के बाद, मिथिला खुश हैं कि चोरकी अब भारत में हैं. वह पश्चिम बंगाल के कलाकारों और डायरेक्टरों के साथ सहयोग करना चाहती हैं.

चोरकी के सीईओ रेडोन रोनी ने एक इंटरव्यू में कहा, “बंगाली एक भाषा के रूप में केवल एक देश या एक राज्य के भीतर ही सीमित नहीं है. यह उससे कहीं अधिक बड़ा और अधिक वैश्विक है. अगर हम बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से प्रतिभाओं को एक साथ ला सकते हैं, तो हमें काफी अच्छा कंटेंट मिलेगा, जो वैश्विक बाजार को समृद्ध करेगा.

सीमा पार संबंधों को मजबूत करने वाले कंटेंट की संभावना से मिथिला उत्साहित है. होइचोई बांग्लादेश भी पहुंच गया है.

अज़मेरी हक़ बधोन और जया अहसन जैसे बांग्लादेशी अभिनेताओं ने इस साल बॉलीवुड में डेब्यू किया है. मिथिला इस विचार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह इस बात पर जोर देती हैं कि भूमिका उनके अनुरूप होनी चाहिए और प्रोजेक्ट बालिकाओं के लिए काम करने की उनकी प्रतिबद्धता में बाधा नहीं बननी चाहिए.

वह कहती हैं, “बांग्लादेश में एक रूढ़िवादी, मुस्लिम-बहुल देश के रूप में एक भावना है. यह एक धारणा है कि हमारा OTT कंटेंट नियमित रूप से खराब हो रहा है. हम बांग्लादेश में कुछ अद्भुत काम करते हैं और पश्चिम बंगाल में फिल्म उद्योग के साथ सहयोग केवल खेल को मजबूत बनाएगा.”

सुभ्रजीत मित्रा का कहना है कि मिथिला एक बुद्धिमान अभिनेत्री हैं, पढ़ी-लिखी हैं और अपने एनजीओ के काम के कारण वैश्विक पहचान भी रखती हैं

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्ममेकर सुभ्रजीत मित्रा, जो मिथिला के साथ अपनी महान कृति देवी चौधुरानी: बैंडिट क्वीन ऑफ बंगाल के लिए काम कर रहे हैं, का कहना है कि पश्चिम बंगाल में सिनेमा उनके जैसी प्रतिभा से समृद्ध होगा.

वह कहते हैं, “मिथिला एक बुद्धिमान अभिनेत्री है, अच्छी तरह से पढ़ी-लिखी है और अपने एनजीओ के काम के कारण वैश्विक पहचान रखती है. वह देवी चौधुरानी में मेरे अभिनेताओं की प्रशिक्षक हैं. मैं उन्हें हमारे सिनेमा और OTT क्षेत्र में और अधिक करते हुए देखना चाहता हूं.”

बांग्लादेश और भारत में उनके प्रशंसक उन्हें और अधिक देखना चाहते हैं. लेकिन मिथिला चयनात्मक होने का जोखिम उठा सकती है, चाहे कोई भी उसके दरवाजे पर दस्तक दे.

वह कहती हैं, “मैं कोई भी भूमिका नहीं निभाऊंगी. मेरी संवेदनाओं को पहले उससे सहमत होना होगा. अगर कोई ऐसी फिल्म या OTT ड्रामा है जो स्त्री-द्वेष या घरेलू हिंसा को बढ़ावा देता है, तो मैं उसे कभी नहीं करूंगी.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ग्राउंड रिपोर्ट को अंग्रज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ‘मोदी फैन, हिंदू एक्टिविस्ट’, कौन हैं जॉयंता कर्मोकर, जो बांग्लादेश में पीड़ित हिंदुओं की आवाज बन गए हैं



 

share & View comments