scorecardresearch
Saturday, 11 May, 2024
होमएजुकेशनDU में कट-ऑफ नहीं, BHU में अलग-अलग मेरिट लिस्ट- कैसे बदला CUET से कॉलेज में एडमिशन लेने का तरीका

DU में कट-ऑफ नहीं, BHU में अलग-अलग मेरिट लिस्ट- कैसे बदला CUET से कॉलेज में एडमिशन लेने का तरीका

इसी शैक्षणिक सत्र से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट शुरू किया जाएगा. कॉलेज छात्रों को एडमिशन देने के लिए कुछ इस तरह से इसका इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉलेज अब एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट तैयार नहीं करेंगे. इस साल से प्रवेश केवल कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है. मार्च में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी को अनिवार्य कर दिया था.

डीयू को कथित तौर पर इस साल अपने स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए 6 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं. विश्वविद्यालय जुलाई के पहले सप्ताह में अपना एडमिशन पोर्टल खोलेगा और छात्र पोर्टल पर अपने पसंदीदा कॉलेजों का चयन कर सकेंगे. फिर सीयूईटी स्कोर और छात्रों की कॉलेज वरीयता के आधार पर एक मेरिट सूची के आधार पर छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा.

अब तक श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी), हिंदू, लेडी श्री राम, हंसराज और अन्य जैसे कॉलेज अपनी व्यक्तिगत कट-ऑफ लिस्ट जारी करते थे और छात्र को उसी के आधार पर एडमिशन दिया जाता था. इस नए सिस्टम से एडमिशन देने में कॉलेजों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो जाएगी.

दिल्ली विश्वविद्यालय के परीक्षा डीन डी.एस. रावत ने दिप्रिंट को बताया, ‘प्रवेश सीयूईटी अंकों के आधार पर दिया जाएगा. टेस्ट में टॉप स्कोर करने वालों को उनकी पसंद का कॉलेज मिलेगा. उदाहरण के लिए अगर 100 छात्र सीयूईटी में 100 अंक प्राप्त करते हैं और उन सभी ने अपनी पसंद के रूप में टॉप पर एसआरसीसी को चुना है, तो वे सभी उस कॉलेज में एडमिशन पा सकेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘अगर किसी छात्र के पसंदीदा कॉलेज में सीटें भर जाती हैं, तो छात्र खुद ब खुद अपनी दूसरी पसंद के कॉलेज में चला जाएगा’. छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, ‘जितना संभव हो उतने ज्यादा कॉलेज भरें. क्योंकि अगर अपने चुने गए कॉलेजों में जगह नहीं बना पाए तो आपको काउंसलिंग के समय दूसरा मौका नहीं मिलेगा.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

हमेशा से एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन देते आए अन्य कुछ सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भी CUET स्कोर का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन प्रक्रिया DU के समान नहीं होगी.


यह भी पढ़ें : DU के 50 से अधिक शिक्षक गणित को लेकर प्रस्तावित FYUP सिलेबस का विरोध क्यों कर रहे हैं


CUET स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट

मिसाल के तौर पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और बीएचयू सीयूईटी स्कोर के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करेंगे. उनके लिए अंतर यह होगा कि प्रवेश परीक्षा वह खुद आयोजित नहीं करेंगे. इसके बजाय, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) परीक्षा लेने और स्कोर देने का काम करेगी.

बीएचयू के एक एडमिशन अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि एनटीए से सीयूईटी स्कोर प्राप्त करने के बाद छात्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की भी एडमिशन के लिए इसी तरह की पद्धति को अपनाए जाने की योजना है.

जामिया मिलिया इस्लामिया अपने आठ कोर्सेस के लिए सीयूईटी के जरिए एडमिशन देगा. उसने अभी इस प्रोसीजर पर कोई फैसला नहीं लिया है.

NTA 15 जुलाई से 10 अगस्त के बीच भारत के 554 शहरों और देश के बाहर के 13 शहरों में CUET की परीक्षा लेगा. अब तक 10 लाख से ज्यादा छात्रों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. राज्य और केंद्र सहित 86 यूनिवर्सिटीज इस स्कोर के आधार पर एडमिशन देंगी.

परीक्षा 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी – तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, ओडिया, बंगाली, असमिया, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू – और छात्रों को अधिकतम नौ विषयों में भाग लेने की अनुमति होगी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें : कोर्स पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय, ऑन-जॉब ट्रेनिंग को मान्यता—IGNOU की डिग्री में अग्निवीर के लिए क्या होगी सुविधा


 

share & View comments