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Thursday, 25 April, 2024
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DU ने जारी की टेंटेटिव डेट, 2 अगस्त से शुरू होगा अंडर ग्रेजुएट एडमिशन प्रोसेस

हालांकि, दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा कि अगर सरकार सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रही है, तो वह निर्देशों का पालन करेगी.

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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के लिए रजिस्ट्रेशन 2 अगस्त से शुरू होगा और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी अस्थायी कार्यक्रम के अनुसार, 26 जुलाई से मास्टर्स (स्नाकोत्तर) और डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी.

दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने संकेत दिया कि यदि केंद्र सरकार विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रस्तावित अखिल भारतीय परीक्षा केंद्रीय विश्वविद्यालय कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) कराएगी, तो तारीखें बदल भी सकती हैं. अभी तक, ये रजिस्ट्रेशन के लिए संभावित तिथियां हैं. हम आगे के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘यदि सरकार सीयूसीईटी आयोजित करने की योजना बना रही है, तो हम निर्देशों का पालन करेंगे.’

हालांकि, विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि इस बात की संभावना है कि इस साल सीयूसीईटी को आयोजित नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि जो तिथियां घोषित की गई हैं वो मेरिट पर आधारित ऑनलाइन एडमिशन के लिए हैं.

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सीयूसीईटी पर काफी चर्चा हुई है लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने अभी तक परीक्षा पर अपने अंतिम निर्णय की घोषणा नहीं की है.

सामान्य प्रवेश परीक्षा पिछले साल लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है और तब से चर्चा में है जब सीबीएसई ने कोविड की स्थिति को देखते हुए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी थी.

सीबीएसई ने इसके बजाय मूल्यांकन के 30:30:40 पैटर्न की घोषणा की है – कक्षा 10 बोर्ड से 30 प्रतिशत, कक्षा 11 की परीक्षा से 30 प्रतिशत और कक्षा 12 के मूल्यांकन से 40 प्रतिशत लिया जाएगा.

परिणाम 31 जुलाई को घोषित किए जाएंगे.

सीयूसीईटी पर चर्चा

डीयू के प्रोफेसरों ने पहले प्रवेश परीक्षा को ‘अव्यवहारिक’ कहा था, और यह भी बताया था कि यह महामारी के बीच छात्रों के बोझ को और बढ़ा देगा.

25 जून को एकेडमिक्स फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट द्वारा आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, दिल्ली भर के विश्वविद्यालयों के कई प्रोफेसरों ने परीक्षाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की.


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आम सहमति यह थी कि बिना किसी क्लीएरिटी, सिलेबस और पैटर्न के अगर अचानक इसपर निर्णय लिया गया तो छात्रों की समस्याएं बढ़ जाएंगी.

कक्षा 12 के बाद अपने विषयों (स्ट्रीम्स) को बदलने वाले छात्रों के लिए दिशा-निर्देशों के साथ एक और मुद्दा उठाया गया था जिसमें अस्पष्टता थी. हालांकि, डीयू में स्नातक के लिए विषय चुनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

प्रोफेसरों ने कहा कि सीयूसीईटी में अपने पसंदीदा विषयों को आगे पढ़ने के इच्छुक कक्षा 11 और 12 के छात्र जिन्होंने पढ़ाई नहीं की है, उन्हें प्रवेश परीक्षा में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. यह केवल छात्रों को इन पाठ्यक्रमों में शामिल होने से रोकेगा.

हालांकि, नाम न छापने की शर्त पर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के एक सदस्य ने टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी है.

सदस्य ने कहा, ‘हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में, हम प्रवेश प्रक्रिया के बारे में चिंतित हैं.’ महामारी के कारण, परिणामों का एक सुसंगत पैटर्न नहीं है और सीबीएसई छात्रों के लिए नई प्रणाली अभूतपूर्व है. हम अभी भी अंक प्रणाली को समझने की कोशिश कर रहे हैं और यह प्रवेश प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करेगा. यही कारण है कि सीयूसीईटी की शुरुआत एक सामान्य मूल्यांकन मंच के रूप में वरदान के रूप में आ सकती है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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