scorecardresearch
Friday, 26 April, 2024
होमडिफेंस'न लें धैर्य की परीक्षा' Army Day पर गरजे सेना प्रमुख नरवणे, सेना ने दिखाई अपनी ड्रोन की ताकत

‘न लें धैर्य की परीक्षा’ Army Day पर गरजे सेना प्रमुख नरवणे, सेना ने दिखाई अपनी ड्रोन की ताकत

सेना दिवस पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए,

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली के करियप्पा मैदान में शुक्रवार को सैन्य दिवस परेड के दौरान भारतीय सेना के ड्रोनों ने ‘कामिकाजी’ हमलों और प्राथमिक उपचार आपूर्ति अभियानों का अभ्यास किया.

कामिकाजी हमलों के दौरान दुश्मन के ठिकानों विशेषकर जहाजों में घुसकर आत्मघाती हमला किया जाता है.

परेड में पहली बार ये ड्रोन पेश किये गए हैं. इसके अलावा इसमें उन्नत विमान रोधी हथियार प्रणाली ‘शिल्का’, ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, पैदल सेना के युद्धक वाहन बीएमपी-2, टी-72 टैंक तथा एक साथ कई रॉकेट लांच करने वाली पिनाका प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया.

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कार्यक्रम में वीरता पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये . समारोह में वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने भी शिरकत की.

‘किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए’

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए, हालांकि वह उत्तरी मोर्चे पर जारी सीमा गतिरोध को बातचीत और राजनीतिक उपायों से हल करने को प्रतिबद्ध हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

जनरल नरवणे ने ‘सेना दिवस परेड’ के मौके पर कहा कि सीमा पर एकतरफा बदलाव की ‘साजिश’ का ‘मुंह तोड़ जवाब’ दिया गया है और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.

जनरल नरवणे ने कहा, ‘ हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से विवाद हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेनी की गलती नहीं करनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘ मैं आपको आश्वासन देता हूं कि गलवान के नायकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. भारतीय सेना देश की अखंडता एवं सुरक्षा को कोई आंच नहीं आने देगी.’

गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या सार्वजनिक नहीं की है. एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 सैनिक मारे गये थे.

उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारत और चीन के बीच आठ दौर की सैन्य वार्ता भी हुई है.

उन्होंने कहा, ‘हम आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर वर्तमान स्थिति का समाधान खोजना जारी रखेंगे.’

पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश आतंकवादियों को लगातार पनाहगाह मुहैया करा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘ दुश्मन को अन्य सीमा पर कड़ा जवाब दिया जा रहा है. पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया रहा है. नियंत्रण रेखा पर मौजूद शिविरों में 300 से 400 आतंकवादी घुसपैठ को तैयार हैं.’

उन्होंने कहा, ‘ पिछले साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पाकिस्तान की भयावह साजिशों को प्रतिबंबित करती है. वे ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी करने की कोशिश भी कर रहे हैं. ’

साल 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फ्रांसिस बुचर ने फील्ड मार्शल के एम करियप्पा को भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के तौर पर मान्यता दी थी, जिसके बाद से हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है.


यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने की मंजूरी दी


 

share & View comments