काबुल में दिप्रिंट को दिए गये विशेष साक्षात्कार में, पूर्व अफ़ग़ान प्रधानमंत्री गुलबुद्दीन हिकमतयार, जो तालिबान को सत्ता के हस्तांतरण की देखरेख करने वाली समिति का एक हिस्सा हैं, कहते हैं कि अब चुनाव हीं आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.
अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने संयुक्त बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी और जवाबदेही लें और सुरक्षा एवं असैन्य व्यवस्था की बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अफगानों की जान बचाने और मानवीय सहायता पहुंचाने के मकसद से तालिबान और सभी अन्य पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है.
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगान सेना का जिक्र करते हुए सीएनएन को बताया, 'हमने देखा कि बल देश की रक्षा करने में असमर्थ है और यह हमारे पूर्वानुमान से बहुत ज्यादा जल्दी हुआ है.'
शनिवार को भूकंप आने से कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं और भूस्खलन होने से बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है. भूकंप के कारण कोरोना वायरस महामारी से पहले से बुरी तरह प्रभावित हैती के लोगों की पीड़ा और भी बढ़ गई है.
सुहैल शाहीन ने तालिबान के कुछ ही दिनों में देश के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लेने और राजधानी काबुल में घुस जाने के बाद यह बात कही है जहां अमेरिका अपने राजनयिकों एवं अन्य असैन्य नागरिकों को वापस बुलाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है.
मजार-ए-शरीफ महज चार दिन पहले तक एकदम जीता-जागता शहर था, दुकानें खुली थीं और लोगों को चौक-चौराहों पर सड़क के किनारों पर चाय की चुस्कियां लेते देखा जा सकता था लेकिन इस सवाल ने उन्हें थोड़ी हैरानी में डाल रखा था कि जब शहर ‘सुरक्षित’ है तो मीडिया यहां क्यों चक्कर काट रहा है.