हक्कानी नेटवर्क के एक अहम भूमिका संभालने के साथ, भारत के लिए लोगों से लोगों के जुड़ाव को बरकरार रखना या वहां से अपने लोगों की निकासी को पूरा करना भी एक चुनौती बन सकता है.
कुरैशी ने अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों- चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान- के विदेश मंत्रियों की पहली डिजिटल बैठक की अध्यक्षता करने के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने हालांकि चीन के इस रुख को दोहराया कि तालिबान को व्यापक आधार और समावेशी राजनीतिक संरचना स्थापित करनी चाहिए.
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'हमने गौर किया है कि नामों की घोषित सूची में विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो तालिबान के सदस्य हैं या उनके करीबी सहयोगी हैं और कोई महिला नहीं है.'
टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए आतंकवादी और चरमपंथी जैसे विशेषण के इस्तेमाल का मतलब है कि पेशेवर मीडिया अपने कर्तव्य के प्रति बेईमान है और वे अपने लिए दुश्मन पैदा करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रह चुकीं निक्की हेली ने एक ऑनलाइन याचिका शुरू की जिसमें अमेरिका की सरकार से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने का अनुरोध किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि गुलाम इसाकजई ने कहा, 'आज तालिबान ने अपनी सरकार की घोषणा की है. यह किसी भी हाल में समावेशी नहीं है.'
इसमें कोई संदेह नहीं है कि खामेनेई इस तरह के भ्रामक ट्वीट के जरिए कुछ मुस्लिम समुदायों के साथ कम समय में राजनीतिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, यह एक ऐसा खेल है जिसमें वे नए नहीं हैं.