कभी ग्रामीण विकास के मॉडल के रूप में सराहा गया चंपटिया स्टार्टअप ऑर्डर घटने और फंड की कमी से खत्म हो रहा है. मुजफ्फरपुर का दूसरा क्लस्टर थोड़ी उम्मीद दिखा रहा है.
दिप्रिंट को मिले सबूत दिखाते हैं कि पाकिस्तान सरकार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों से वाकिफ रही है, लेकिन उन्हें बंद करने के लिए कुछ नहीं किया.
भारत में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) शहरी योजना की ‘कॉपी-पेस्ट’ सोच के महंगे और नाकाम उदाहरण बन गए हैं. जयपुर और पुणे में इन्हें हटाया जा रहा है, जबकि हुब्बल्ली-धारवाड़ में इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं.
चूंकि, सभी गैर-एनडीए दल बिहार में ‘एसआईआर’ को रद्द करने की एकजुट होकर मांग कर रहे हैं इसलिए यह माना जा सकता है कि अपना वोट बैंक खोने का डर उन्हें सबसे ज्यादा है.