राज्य में हर माह की एक तारीख को सरकारी दफ्तरों में सामूहिक वंदे मातरम होता रहा है, मगर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पहली तारीख को वंदे मातरम नहीं हुआ.
यूपीए शासन में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ही तरह आरएसएस भी शक्ति अपने पास रखना चाहता है, लेकिन किसी भी गड़बड़ी या उलटफेर की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहता.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दीजिए. न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के रूप में जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम सारे प्रयास करने को तैयार हैं.'
सेकुलर कहाने वाली पार्टियां नहीं चाहतीं कि मुस्लिम महिलाओं के सिर से तीन तलाक की तलवार कभी हटे, क्योंकि ऐसा होने पर उनके मुस्लिम मर्द वोटर नाराज हो जाएंगे.
जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में किसानों के लिए ‘एमएसपी’ की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन 2020-21 में नए कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की छाया मात्र है क्योंकि एमएसपी आज पहले की तरह प्रमुख मुद्दा नहीं रह गया है.