पार्टी ने पहले विधानसभा सत्र में बिना किसी सीएलपी नेता के प्रवेश किया और अब, जबकि शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू होने वाला है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह प्रतिष्ठित पद किसे मिलेगा.
भाजपा ने झारखंड में अपने प्रमुख नेताओं मोदी और शाह को उतार दिया है, जबकि कांग्रेस की शुरुआत धीमी है, जिससे जेएमएम के हेमंत और कल्पना सोरेन को अपने कंधों पर चुनाव प्रचार का जिम्मा उठाना पड़ा है.
वायनाड उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार ने आगे कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य ‘लोगों को बांटकर, नफरत फैलाकर और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अत्याचार करके’ सत्ता में बने रहना है.
AIMIM इस बार 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि 2019 में उसने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसके बावजूद, चुनावी आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें अभी भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में विपक्षी एमवीए की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की क्षमता है.
झारखंड में जेएमएम के गढ़ में सीएम के खिलाफ़ लड़ने के लिए भाजपा ने फुटबॉल के शौकीन और पूर्व शिक्षक को मैदान में उतारा है. हेम्ब्रम ने पिछला चुनाव आजसू के टिकट पर लड़ा था और सोरेन से बुरी तरह हार गए थे.
दिप्रिंट के साथ एक इंटरव्यू में, आदित्य ठाकरे ने उन आरोपों का खंडन किया कि पार्टी ‘बहुत नरम, बहुत उदार’ हो गई है. उन्होंने कहा कि आक्रामकता, संयम, सब इस बात पर निर्भर करता है कि मुद्दा क्या है.