विनेश फोगाट ने कहा, "यह हरियाणा के लिए एक बहुत बड़ा त्योहार है और राज्य के लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. मैं राज्य के लोगों से अपील कर रही हूं कि वे बाहर आएं और अपना वोट डालें.
नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना हरियाणा में भाजपा की 2014 की जीत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता था. लेकिन अब प्रधानमंत्री स्थानीय उम्मीदवारों के लिए पीछे हट गए हैं.
2014 में पार्टी की जीत के बाद हरियाणा में पहली बार भाजपा सरकार का नेतृत्व करने के लिए मोदी द्वारा चुने गए मनोहर लाल खट्टर लगातार दो बार मुख्यमंत्री और लगभग 2 दशकों से राज्य में भाजपा का प्रमुख चेहरा रहे हैं.
तंवर — जिन्होंने 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी, लगातार कई पार्टियों में शामिल हुए और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार थे, गुरुवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में फिर से शामिल हो गए.
मतदाताओं से कहा जाता है कि उन्हें पंवार को वोट देकर उनके साथ ‘न्याय’ करना चाहिए, लेकिन कई लोगों के लिए यह उनकी सद्भावना ही है जो उन्हें हरियाणा विधानसभा चुनावों में वोट दिलाएगी. भाजपा के प्रति गुस्सा भी उनके पक्ष में काम करेगा.
प्रशांत किशोर ने उन वर्गों तक पहुंच बनाई है जो दोनों मुख्य गठबंधनों के वोटबैंक हैं. सवाल यह है कि क्या यह प्रतिद्वंद्वियों को प्रभावित करने में सफल होगी या बिहार के क्षेत्र में एक और नौसिखिया बनकर रह जाएगी.
प्रेम चंद बैरवा पर रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के रजिस्ट्रार के लिए सेवानिवृत्त अधिकारी का नाम आगे बढ़ाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप है. भाजपा का कहना है कि वे कुछ मामलों में सिफारिशें कर सकते हैं.
बागड़ी और देसवाली जाट, अहीरवाल में यादव और मेवात में मेव मुस्लिम जैसे प्रभावशाली समुदाय यह तय करेंगे कि 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक हवा किस तरफ बहेगी.
जानकारी मिली है कि डेरा सच्चा सौदा अपने भक्तों को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहा है. कुछ लोग उसकी समय पर रिहाई को भाजपा द्वारा ‘बेकार की कोशिश’ बता रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इससे परिणाम बदलने की संभावना नहीं है.
कई घटनाओं ने पार्टी के भीतर दरारों को उजागर किया है, जिसमें पिछली सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने और सीएम द्वारा बोर्ड और निगमों में नियुक्तियों में देरी को लेकर मतभेद सामने आए हैं.
दिल्ली सरकार मानती है कि निर्माण कार्य रोकने और वाहनों की आवाजाही कम करने से प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है, लेकिन ये सब खून से लथपथ घावों पर जल्दबाजी में की गई मरहम पट्टी के सिवा कुछ नहीं है.