भाजपा से ज़्यादा ये चुनाव योगेश्वर दत्त के राजनीतिक करियर के तौर पर देखा जा रहा था , क्योंकि पार्टी ने उन्हें एक बार की हार के बाद ये दूसरा मौक़ा दिया था.
आयोग ने कहा कि राज्य के 55 केंद्रों पर वोटों की गिनती चल रही है. कई सीटों पर 19 से लेकर 50 से ज्यादा राउंड तक की भी गिनती हो सकती है इसलिए नतीजे आने में देरी हो सकती है.
पुष्पम प्रिया ने कई हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापनों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश करने का ऐलान किया था, जिसमें कहा गया था, ‘बिहार बेहतर का हकदार है, और बेहतर संभव है.’
कांग्रेस के उस्मानी को मैदान में उतारने के फैसले का बीजेपी और उसके अपने पार्टी सदस्यों ने विरोध किया था, चूंकि बहुत से लोग उन्हें ‘जिन्ना समर्थक’ कहते हैं.
भाजपा के प्रद्युम्नसिंह जडेजा अब्दासा सीट से करीब 2,300 मतों से आगे चल रहे हैं जबकि पूर्व मंत्री कीर्तिसिंह राणा लिम्बडी में अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले करीब 5,400 मतों से बढ़त बनाए हुए हैं.
इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, श्रीलंका इस्लाम या बौद्ध धर्म की प्रमुखता के बावजूद संवैधानिक, लोकतांत्रिक और स्थिर व्यवस्था में कैसे बने रहे लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार ऐसा क्यों नहीं कर पाए?