scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमराजनीतिविधायकों के बेटों को नौकरी देने पर पंजाब के CM अमरिंदर का पार्टी के नेताओं ने ही किया विरोध

विधायकों के बेटों को नौकरी देने पर पंजाब के CM अमरिंदर का पार्टी के नेताओं ने ही किया विरोध

मुख्यमंत्री के कदम पर सवाल उठाते हुए पंजाब कांग्रेस प्रमुख जाखड़ ने फैसला वापस लेने को कहा. इसके अलावा कांग्रेस के दो विधायकों ने भी नाराजगी जताई है.

Text Size:

चंडीगड़: कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मामले में विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की शनिवार को उनकी ही पार्टी के प्रमुख सुनील जाखड़ और पार्टी के दो विधायकों ने इस कदम को लेकर आलोचना की, जबकि अमरिंदर ने सरकार के इस फैसले का बचाव किया और कहा कि उनके दादा ने देश के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, यह उसके सम्मान में है.

दरअसल पंजाब सरकार ने ‘अनुकंपा’ के आधार पर ‘विशेष मामले’ के तहत अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में निरीक्षक और भीष्म पांडेय को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त करने का शुक्रवार को निर्णय लिया था.

अर्जुन, विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे हैं जबकि भीष्म, लुधियाना से विधायक राकेश पांडेय के पुत्र हैं. सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि अर्जुन बाजवा, पंजाब के पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा के पोते हैं जिन्होंने 1987 में राज्य में शांति के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. वहीं भीष्म पांडेय जोगिंदर पाल पांडेय के पोते हैं जिनकी 1987 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.

कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को पुलिस निरीक्षक और नायब तहसीलदार बनाने के मुख्यमंत्री के कदम पर सवाल उठाते हुए पंजाब कांग्रेस प्रमुख जाखड़ ने भी इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.

कांग्रेस के दो विधायकों कुलजीत नागरा और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी बाजवा और पांडेय के बेटों को नौकरी देने पर नाराजगी जताई.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी पांच मंत्रियों – सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, रजिया सुल्ताना, चरनजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सरकारिया- द्वारा इस कदम का विरोध किया गया था.

मुख्यमंत्री ने हालांकि शनिवार को कहा कि देश के लिए बलिदान देने वालों को न तो कभी भुलाया जा सकता है और न ही कभी उन्हें भुलाया जाना चाहिए. सिंह ने महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के आवास के बाहर संवाददाताओं से यह बात कही. मिल्खा सिंह का कल देर रात निधन हो गया था.

विधायकों के बेटों को नौकरी देने के निर्णय की आलोचना करने के लिए उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और आम आदमी पार्टी (आप) की निंदा की और कहा कि अगर ये दल ऐसे किसी युवा के नाम का प्रस्ताव दे, जिनके पिता या दादा ने देश के लिए इसी प्रकार का बलिदान दिया है तो उन्हें भी राज्य सरकार में नौकरी दी जाएगी. सिंह ने कहा कि उन्होंने अन्य दलों में ऐसे लोगों की तलाश की कोशिश की थी लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला.

इस बीच शिअद ने पंजाब के राज्यपाल से स्वत: संज्ञान लेते हुए कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की अपील की है. पार्टी नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने युवाओं से मुख्यमंत्री और मंत्रियों का घेराव करने तथा पात्र और मेधावी छात्रों को नौकरियां दिलाने की मांग करने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल कदम नहीं उठाते तो राष्ट्रपति को ‘असंवैधानिक’ नियुक्तियों पर गौर करना चाहिए और अमरिंदर सिंह सरकार को बर्खास्त करना चाहिए.

share & View comments