INDIA की बहिष्कार सूची जारी होने के बाद, समाचार एंकरों ने हंगामा किया, गाली-गलौज की, मज़ाक बनाया और केवल चार अक्षर के शब्दों से ही बात करना बंद कर दिया.
जैसे ही चीनी राज्य ने पूरे देश में भूमि अधिकारों पर नियंत्रण कर लिया, सीसीपी कैडर के पास अचानक राज्य की गतिविधियों के लिए भूमि हस्तांतरित करने की भारी शक्ति आ गई.
प्रधानमंत्री की दी हुई जिम्मेदारियों को सिन्हा ने सराहनीय तरीके से निभाया है. उनका सबसे बड़ा योगदान दिल्ली को श्रीनगर के करीब लाना और लोगों को यह एहसास दिलाना है कि अनुच्छेद 370 एक काल्पनिक विशेषाधिकार था.
सदियों से, तानाशाहों ने मनमाने आतंक का इस्तेमाल किया है, इसलिए कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है कि किन कार्यों के लिए, किस हद तक और कब दंडित किया जा सकता है.
भारत की सरकारें अखिल भारतीय स्तर पर जीडीपी के 28 फीसदी के बराबर की राशि खर्च करती रही हैं लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि भारत ने ज्यादा खर्च करके अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बना लिया है
विपक्षी गठबंधन को पूरा ‘अधिकार’ है कि वह किसका बायकॉट करे. वह अपने नेताओं, सदस्यों और प्रवक्ताओं को कुछ टीवी शो में जाने से मना कर सकता है लेकिन जब वे इन एंकरों के नाम और उनकी सूची जारी करते हैं तब यह मामला विवादास्पद हो जाता है
भारत और विदेशों में पायलट एसोसिएशनों ने यह सही तौर पर उठाया है कि रिपोर्ट को जिस तरह से तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, वह गलत है. लेकिन बहुत कम लोगों ने यह सवाल उठाया है: क्या रिपोर्ट लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?