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Sunday, 20 July, 2025
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गाज़ा की इस्लामी लहर भारत में जिहादवाद को बढ़ावा दे सकती है— ‘सिल्क लेटर मूवमेंट’ को नहीं भूलना चाहिए

हजारों किलोमीटर दूर की घटनाओं से प्रेरित भारतीय जिहादी लामबंदी की हर पिछली लहर को तब तक नजरअंदाज किया गया जब तक कि घर पर बमबारी शुरू नहीं हो गई.

जगह-जगह मोदी सेल्फी प्वाइंट बनाने का रक्षा मंत्रालय का निर्देश खतरे की घंटी है  

‘एसओपी’ ने सिफ़ारिश की है कि इन ‘सेल्फी प्वाइंट’ पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाई ‘जा सकती है’. ‘सकती है’ जैसे शब्द का इस्तेमाल विवादास्पद निर्देशों की ज़िम्मेदारी उनका पालन करने वालों पर डालने की पुरानी चाल रही है

भारत को कैसे त्वचा और बाल के इलाज के लिए अगला मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाया जा सकता है?

पंजीकृत क्लीनिकों और चिकित्सा संस्थानों को सरकार के साथ गठजोड़ करना चाहिए और यात्रा और आवास की व्यवस्था करने की दिशा में काम करना चाहिए.

महंगाई का 4 फीसदी का लक्ष्य जब चार साल में पूरा न किया जा सका तो उसे फिर क्यों दोहराएं

भू-राजनीतिक टकराव और नये शीतयुद्ध ने तेल के बाजार, खाद्य तथा दूसरी सामग्री के बाज़ारों को उलट-पुलट दिया है. जलवायु परिवर्तन अलग तरह की कीमतें थोप रहा है. इसलिए, मांग भले कमजोर हो, कीमतें बढ़ेंगी.

वकार यूनुस, शोएब अख्तर से लेकर रिजवान तक- पाकिस्तानी क्रिकेटर मैदान पर धर्म को लाते हैं, भारत नहीं

इस तथ्य की अनदेखी की गई कि मोहम्मद रिज़वान को अक्सर क्रिकेट के मैदान में नमाज पढ़ते हुए देखा जाता है.

इज़रायल गुस्से में है, नेतन्याहू गाज़ा को मिट्टी में मिलाने को तैयार हैं, पर फौजी ताकत की भी कुछ सीमाएं हैं

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद का इतिहास और इजरायल के अनुभव यही सिखाते हैं कि आपकी सेना चाहे कितनी भी ताकतवर हो, राजनीतिक और रणनीतिक मकसद हासिल करने में वह शायद ही मददगार होती है.

वसीम अकरम जातिवादी गाली दे पा रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान में न आंबेडकर हुए, न मायावती

पाकिस्तान का समाज, भारत, बांग्लादेश और नेपाल की तरह ही जन्म आधारित जातियों और बिरादरियों में बंटा है, जिनके बीच ऊंच और नीच की एक स्थापित व्यवस्था है.

पूजा पंडालों में बंगाली अगर मटन रोल खाते हैं तो उनके लिए अच्छा है, हिंदू धर्म का तालिबानीकरण बंद करें

पश्चिम बंगाल में मांसाहारी भोजन का सेवन कोई बड़ी बात नहीं है. जहां तक बोंग्स की बात है तो यह सिर्फ खाना है और वे इसे पसंद करते हैं.

युद्ध का एकमात्र अर्थ ही बर्बरता है, गाजा को किसी अलग चीज़ का सामना नहीं करना पड़ रहा है

यह मानने का कोई कारण नहीं है कि गाजा में किसी दूसरे प्रकार का युद्ध अधिक मानवीय हो सकता था. यह विचार कि युद्ध को कानून द्वारा सभ्य बनाया जा सकता है, ने हमारी कल्पना को शांत कर दिया है.

भले ही इज़रायल खत्म हो जाए, फिर भी मुसलमान यहूदियों के प्रति दुश्मनी का भाव रखेंगे- यही समस्या है

ऐसे युग में जब इस्लामोफोबिया शब्द से हर कोई परिचित है, यहूदी विरोधी इस्लामी भावना एक अज्ञात बीमारी बनी हुई है.

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114 साल के फौजा सिंह की मौत ने खोली भारत की सड़कों की सच्चाई — हर 3 मिनट में जाती है एक जान

114 साल के फौजा सिंह को तेज़ रफ्तार कार ने टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. इस हादसे ने एक बार फिर भारत की खतरनाक सड़कों, बढ़ते सड़क हादसों और लापरवाह ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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बरेली में होमगार्ड को कार के बोनट पर चढ़ाकर दौड़ाई गाड़ी, पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी

बरेली (उप्र), 20 जुलाई (भाषा) बरेली जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कार चालक ने होमगार्ड के...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.