मुसलमान लोग सोशल मीडिया पर होली तथा दूसरे हिंदू त्योहार मना रहे हैं और अपने हिंदू दोस्तों तथा मुस्लिम दोस्तों को भी त्योहारों पर बड़े उत्साह से बधाई दे रहे हैं. अब हम इसे वास्तविक रूप क्यों न दें?
हाल के वर्षों में बलूचिस्तान में कई नए लोकतांत्रिक आंदोलन हुए हैं. पाकिस्तानी सेना यह तो नहीं चाहेगी कि कोई नई बगावत फूटे. हालांकि, अपनी ताकत को चुनौती दिए जाने की जगह वह इसे ही पसंद करेगी.
तीन-भाषा नीति का डीएमके द्वारा विरोध राष्ट्र पर पार्टी को प्राथमिकता देने का उदाहरण है. शायद अब वक्त आ गया है कि पार्टी को कत्थक पर गर्व होना चाहिए, जैसा कि हम उत्तर भारतीय भरतनाट्यम पर करते हैं.
रमज़ान के दौरान रोज़ा न रखने पर किसी मुल्ला ने मोहम्मद शमी की जो निंदा की उसका ताल्लुक मजहब से कम, और धर्मशास्त्र की सत्ता और इससे पैदा होने वाली टकराव की विचारधारा से ज्यादा है.
राजीव गांधी को बोफोर्स आदि के लिए कोसना फैशन बन गया है लेकिन सच यह है कि हमारे इतिहास में सिर्फ 1985-89 वाला दौर ही ऐसा था जब हथियारों की खरीद भविष्य के मद्देनजर आगे बढ़कर की गई.
स्टालिन ने जो संयुक्त कार्रवाई समिति का प्रस्ताव रखा है, वह सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है. यह परिसीमन पर उत्तर बनाम दक्षिण के बड़े राजनीतिक टकराव का केंद्र बन सकता है.
बेलथंगडी (दक्षिण कन्नड़), 22 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु में सोमवार शाम को गुरुवायणकेरे-कार्कल रोड पर अलडांगडी में दो कारों...