कांग्रेस की राजनीति में धर्म का घालमेल करने का राहुल गांधी का दुस्साहस उनकी पार्टी की नैया पार भी लगा सकता है या डुबो भी सकता है लेकिन अब वे इस चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल सकते.
जीडीपी के नए आंकड़े को पिछले अनुमानों के मुक़ाबले तकनीकी दृष्टि से ज़्यादा बेहतर बताने के चाहे जो दावे किए जा रहे हों, जनता में इसकी विश्वसनीयता इसकी असलियत की परीक्षा पर ही निर्भर करेगी.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.