भीमा कारेगांव का युद्ध भारतीय समाज को लोकतांत्रिक बनाने की लड़ाई का गौरवशाली अध्याय है. अंग्रेजों की जीत नहीं, जातिवाद की हार का जश्न है भीमा कोरेगांव.
शिक्षा क्षेत्र में अनैतिक कार्य करने के बाद भी बच निकलने में सक्षम कई अत्यंत प्रभावशाली लोग मौजूद हैं. वे कानूनी और नैतिक मानदंडों का बैखौफ़ उल्लंघन करते हैं.
गाज़ा में संघर्ष के दोनों पक्ष अगर किसी एक देश पर भरोसा करते हैं तो वह भारत ही है. इजरायल कुछ अरब तथा मुस्लिम देशों पर भरोसा नहीं करता, और फिलस्तीन को किसी पश्चिमी देश के प्रभाव या भागीदारी का संदेह है.