scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होममत-विमत

मत-विमत

नोटा को नकारात्मकता न मानें

‘नोटा कोई नकारवाद नहीं बल्कि आज का राजनीतिक आदर्शवाद है. यह ‘राजनीति में नैतिकता के लिए फिर से जगह बना रहा है’

मोदी के गुजरात किले के पुराने खम्भे आज भी अडिग, लेकिन बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा वर्ग का विश्वास डिगा

अगर एक्जिट पॉल सही साबित हुए, जैसा कि योगेंद्र यादव कहते हैं, तो मोदी की जीत तय है. 2014 में मिली 27 प्रतिशत की बढ़त तो उनके काम आएगी मगर दीवार दरकती दिख रही है.

चुनाव आयोग के इतिहास में गुजरात चुनाव निम्नतम बिंदु है: योगेंद्र यादव

दिप्रिंट का सवाल: क्या पूर्व आइएएस अधिकारियों को चुनाव आयोग का कर्ताधर्ता नहीं बनना चाहिए, ताकि इसकी स्वतंत्रता बनी रहे ?

गुजरात में ‘केवट’ मोदी ने भाजपा की डूबती नय्या को कराया पार

चुनाव-प्रचार के दौरान कांग्रेस ने भाजपा की कमियों पर प्रहार किया, लेकिन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई तोड़ उनके पास नहीं था.

चाहा था कांग्रेस-मुक्त भारत; मिल गया: कांग्रेस-युक्त गुजरात

भाजपा की दो स्पष्ट विजय, गुजरात और हिमाचल प्रदेश, के बावजूद राजनीति का वह क्षेत्र खुल गया है, जो की 2019 तक सीलबंद लगता था.

एक स्वयंसेवक ने भी डाला कांग्रेस को वोट- गुजरातियों को हल्के में नहीं ले सकती भाजपा

2012 के उलट, आखिरकार भाजपा को गुजरात में कुछ चुनौती मिल रही है। जिग्नेश मेवाणी, हार्दिक पटेल और खुद भाजपा ही इसके कारक हैं.

आखिर एक दलित के लिए क्या मायने रखती है जिग्नेश की जीत

मैं महसूस कर सकता हूं कि अतीत में आपको क्या कुछ से गुजरना पड़ा होगा क्योंकि एक दलित लड़का कुछ करना चाहे तो उसे...

मोदी के करिश्माई चुनाव अभियान की बदौलत ही गुजरात में बच पाई भाजपा

प्रधानमंत्री ने जो तूफानी चुनाव अभियान चलाया, वह सफल बचाव कार्य में बदल गया और वह विपक्ष से बाजी मारने में मददगार साबित हुआ.

अमृता फड़नवीस: एक राजनेता की ‘दबी दबी’ बीवी की आम छवि से कहीं अलग

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की पत्नी अमृता फड़नवीस की पिछले तीन साल में काफी बड़ाई और बुराई भी हुई है, लेकिन इससे वह अपनी पसंद अपनाना नहीं भूली हैं.

मोदीजी न तो यह नो बॉल थी, न वाइड बॉल या बाउंसर या बीमर

राजनीति में तकरार चाहे जितनी भी तल्ख क्यों न हो, अपने विरोधी या पूर्ववर्ती की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जाता. उस पर खराब फैसले, रीढ़विहीनता, मतिभ्रम आदि के आरोप तो चलेंगे. मगर देशद्रोह के आरोप? कतई नहीं!

मत-विमत

‘कौवा मंदिर के शिखर पर बैठ जाए तो गरुड़ बन जाएगा?’: भागवत ने सांप्रदायिक विवादों पर BJP को चेताया

आरएसएस के सरसंघचालक अगर ‘मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने’ के बढ़ते दावों पर रोक लगाने की अपील कर रहे हैं तो इसके पीछे यह एहसास है कि यह मसला कहीं भाजपा सरकार के काबू से बाहर न हो जाए .

वीडियो

राजनीति

देश

यह समझ से परे है कि कुछ राज्यों में एनईपी लागू नहीं हुई: उपराष्ट्रपति धनखड़

चंडीगढ़, 21 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि यह ‘‘समझ से परे’’ है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को कुछ...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.