वंचितों के पक्ष में खड़ा होने का दावा करने वाली सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट पार्टियों के ज्यादातर समर्थक और वोटर किसी और समुदायों से रहे और नेतृत्व किसी और समुदाय से आता रहा
बढ़ते पर्यटन के अपने खतरे भी हैं. पर्यटन से ज्यादा से ज्यादा माल कमाने के फेर में प्रकृति का ज्यादा दोहन किया जा रहा है. इससे कुदरत और मानव के बीच का संतुलन डांवाडोल हो रहा है.
देश में कोई भी उद्योग ऐसा नहीं है, जिसमें नौकरियां चकाचक मिल रही हों और उस क्षेत्र के लोगों के चेहरे खिले हुए हों या तो नौकरियों में स्थिरता बनी हुई है या नौकरियां जा रही हैं.
देखा जाए तो अमित शाह ही जम्मू-कश्मीर को चला रहे हैं, लेकिन उनसे सुरक्षा चूक के लिए जवाबदेही मांगना अनुचित होगा क्योंकि उन्हें देश भर के हर चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करनी है.