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Sunday, 9 November, 2025
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हर सातवें साल की दिक्कत: पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चाहिए ‘टू-माइनस-वन’ का फॉर्मूला

पाकिस्तान और उसके छद्म सैनिकों को लगभग हर सात साल पर जबरदस्त खुजली होती रही है. युद्ध को बढ़ाने वाली हर कार्रवाई भारत को औसतन कई वर्षों तक पाकिस्तान के अंदर खौफ पैदा करने का मौका देता है.

आसिम मुनीर के दिमाग में क्या चल रहा है?

कश्मीर में जो सामान्य स्थिति बहाल हुई है उसे, मुनीर के मुताबिक, उलटना जरूरी था. पहलगाम कांड की तैयारी उनके भाषण और इस हमले के बीच के एक सप्ताह में तो नहीं ही की गई, इसमें कई महीने नहीं तो कई सप्ताह जरूर लगे होंगे.

जाति जनगणना ऐसा बुरा विचार है जिसका वक्त आ गया है, अभी और भी बुरा होने वाला है

जातिगत जनगणना को हम इसलिए भी एक बुरा विचार कह रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी को छोड़ किसी ने नहीं सोचा कि इसके आंकड़े का किस तरह उपयोग किया जा सकता है.

45 वर्षों से पाकिस्तान की आईएसआई हिंदुओं की हत्या कर रही है, ताकि भारत में गृह युद्ध छेड़ा जा सके

एक समय, आईएसआई का सोच यह था कि यहां के हिंदू अपने यहां के अल्पसंख्यकों से बदला लेने पर उतर आएंगे. वे भारत में इस तरह का संकट पैदा करने की कोशिश करते रहे हैं कि इस देश में गृहयुद्ध छिड़ जाए.

अबकी बार 75 पार—मोदी कहीं नहीं जा रहे, विपक्ष पुरानी सोच में उलझा है

क्या मुफ्त रेवड़ियां विपक्ष को आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं? वे ऐसा जो भी वादा करेंगे, मोदी उससे बेहतर पेशकश कर देंगे. मोदी चूंकि सत्ता में हैं, उनके वादी को ज्यादा विश्वसनीय माना जाएगा.

दो महाशक्तियों की खींचतान में भारत को खुद को ‘घास’ नहीं, बल्कि ‘खिलाड़ी’ साबित करना होगा

दो महाशक्तियों के इस व्यापार युद्ध ने सभी प्रभावित देशों के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोल दिए हैं. ऐसे देशों में भारत सबसे बड़ा और सबसे निर्णायक देश है, उसे कोविड दौर वाले सुधारों को फिर से आगे बढ़ाना होगा.

ट्रंप के टैरिफ भारत के लिए सिर पर बंदूक तानने जैसा है, शायद यही अब तक की सबसे अच्छी बात है

ट्रंप जबकि गोली दागने की धमकी दे रहे हैं, अपनी पीठ खुद ठोकने में व्यस्त भारतीय सत्ता-तंत्र को सुर्खियां बनवाने के मोह से छुड़ाने के लिए ऐसी ही धमकी की जरूरत थी.

लाल बहादुर शास्त्री की 19 महीनों की विरासत, दूसरे की इमरजेंसी से ज्यादा प्रभावशाली साबित हो रही है

शास्त्री की विरासत पर ताशकंत में हुए शांति समझौते, और उनके उस जानलेवा दौरे का साया अनुचित रूप से हावी हो जाता है, जबकि ‘हरित क्रांति’ और प्रतिभाशाली वैज्ञानिक डॉ. स्वामीनाथन की खोज उनकी यादगार विरासतों में शामिल हैं.

कूटनीति या कमज़ोरी: भारतीय सेना की वास्तविक स्थिति को उजागर करता यह कॉलम…

राजीव गांधी को बोफोर्स आदि के लिए कोसना फैशन बन गया है लेकिन सच यह है कि हमारे इतिहास में सिर्फ 1985-89 वाला दौर ही ऐसा था जब हथियारों की खरीद भविष्य के मद्देनजर आगे बढ़कर की गई.

मिनिमम ट्रंप, मैक्सिमम मोदी—अमेरिका अफसरशाही को कमजोर कर रहा है, मोदी इसे सशक्त बना रहे हैं

ट्रंप ऐसे बागी हैं जो सरकारी बाबू को एक बुराई के रूप में देखते हैं. मोदी के लिए ये सरकारी बाबू निरंतरता, परिवर्तन और निष्ठा के प्रतीक हैं.

मत-विमत

बिहार—जहां सिर्फ राजनीति ही आगे बढ़ी, बाकी सब कुछ ठहरा रह गया

बिहार के पास ऐसी उपजाऊ ज़मीन है जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा क्रांतियों को जन्म देने वाली रही है. इसके बावजूद बिहार इतना पीछे क्यों रह गया? राजनीति का स्थायी जुनून ही उसके विनाश की मूल वजह है.

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पूर्वी दिल्ली में चाकूबाजी की दोहरी वारदात का मामला सुलझा; चार नाबालिग सहित सात पकड़े गए

नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने पूर्वी दिल्ली के मंडावली और मधु विहार इलाकों में चाकूबाजी की दो घटनाओं का खुलासा...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.