अंतरिक्ष यान पानी सहित चंद्रमा पर मौजूद अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तलाश करेगा और चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष किरणों और विद्युत चुंबकीय उत्सर्जन के प्रभावों के बारे में रिसर्च करेगा.
तिरुपति और काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद, महाकालेश्वर मंदिर का महाकाल लोक कॉरिडोर भक्तों की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है.
वंदे भारत एक्सप्रेस लगभग 15,000 एकीकृत सर्किट या चिप्स से लैस है, जो इसके लगभग सभी कार्यों को नियंत्रित करती है. यह ट्रेन को आगे बढ़ाने में, ब्रेक लगाने में और इसके ऑटोमेटिक दरवाजों को भी नियंत्रित करती है.
कंपनी द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के मुताबिक, 'नया नियम वर्तमान कॉलिंग दर को कम से कम 50% तक कम कर देगा और अभी हो रही घटनाओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करेगा'.
भारतीय वन्यजीव संस्थान के फोरेंसिक सेल में मांस की पहचान करने वाले देश के शीर्ष अधिकारियों में से एक है जो पिछले 18 वर्षों में 3,000 से अधिक फोरेंसिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुके हैं.
रिसर्ट एजेंसी का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियां भारत भर में 5G रोल-आउट की होड़ में हैं, पहले से ही 300 से अधिक शहरों में सेवा शुरू कर चुके हैं, लेकिन 5G उपयोग ने एक बड़ा आकार लिया है.
एप्पल की एग्जीक्यूटिव लिसा जैक्सन 2030 तक कार्बन तटस्थ होने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में एप्पल की मदद करने में भारत की भूमिका के बारे में बात करती हैं. वो कहती हैं, 'इन चुनौतियों का सामना करने वाले ही शक्तिशाली समाधान लाते हैं.’
मंगलवार को स्टडी 'द एनवायरनमेंटल बर्डन ऑफ टोबैको प्रोडक्ट्स वेस्टेज इन इंडिया' को जारी किया गया. यह आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च और एम्स जोधपुर द्वारा किया गया था
स्काई एयर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है. सरकार राजमार्ग और सड़कों से जुड़ी सभी चीजों की निगरानी ड्रोन के माध्यम से करवाएगी.
'बिल्डिंग सिस्टम्स दैट चैलेंज नेचुरल लिविंग सिस्टम्स' (ऐसी प्रणालियों का निर्माण जो जीवन जीने की प्राकृतिक प्रणाली को चुनौती देता हो) - यही वह आदर्श वाक्य है जिसके तहत यहां के शोधकर्ता उन अत्याधुनिक आविष्कारों का ढेर लगा रहे हैं जो न सिर्फ कई मुख्य समस्याओं को हल करते हैं और चीजों की लागत को कम करते हैं, बल्कि अक्सर सरकार की नीतियों को चुनौती भी देते हैं.
‘सामान्य’ चुनावों में वोटर्स राष्ट्रीय और विधानसभा चुनावों में फर्क समझने लगे हैं और अलग-अलग तरीके से वोट करते हैं. ऐसा ही समकालिक चुनावों में भी होगा, इसमें कोई शक नहीं है.