मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित पांच करोड़ छात्र स्कूल स्तर पर संस्कृत का अध्ययन करते हैं जबकि 10 लाख के करीब उच्च स्तर की शिक्षा में.
लड़कियों को टोल कलेक्टर में इसलिए भर्ती किया गया था कि इससे गाली-गलौच में कमी आएगी. लोग लड़की को देखकर ठीक तरीके से बात करेंगे, लेकिन उनके साथ ज़्यादा बदतमीजी की जाती है.