इस लोकसभा चुनाव की एक अनकही कहानी अर्द्धसैनिक बलों के जवानों द्वारा मतदान कराने के लिए की जाने वाली कष्टप्रद यात्राओं की है. कन्नूर से मुज़फ्फरपुर की ऐसी ही एक यात्रा में दिप्रिंट ने जवानों का साथ दिया.
पुलिस की टीम जो मामले की जांच कर रही है उसका खर्च भी पीड़िता के परिवार से ही भरवाती है. परिवार वालों का आरोप है कि कम से कम 10-12 बार हमने पुलिस की टीम के लिए गाड़ियां बुक करा चुके हैं.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की पांच जजों वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की.
कालाखोरा गांव की महिलाएं बताती हैं, 'आरोपियों में से एक हंसराज तो पहले से ही इस तरह की घटनाओंं में संलिप्त रहा है. उसे एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त है.'
भारत को यह मंजूर नहीं है कि उसका मित्र अमेरिका इस क्षेत्र को भारत-पाकिस्तान के चश्मे से देखे. इससे भारत के प्रभाव क्षेत्र की पुष्टि नहीं होती, उसकी अहमियत कम हो जाती है.