यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
जब ऊपरी आदेश से बाध्य शिक्षक ही छात्रों को इस या उस नारे पर प्रोजेक्ट और शोध लिखवाते हैं—तो बेचारे छात्रों को कैसे गुमान हो कि उन्हें महज पार्टी प्रोपेगेंडा का शिकार बनाया जा रहा है?