रांची से 206 किलोमीटर दूर गढ़वा जिले में दर्द और मौत का यह सिलसिला दशकों से चल रहा है. आजाद भारत में इन्हें आज तक साफ पानी मुहैया नहीं कराया जा सका है.
चार वर्षों में 78 यात्रियों को स्टेशन या ट्रेन में छूटी चीज़ें सही-सलामत उनके मालिक तक पहुंचाया जा चुका है. इन सामानों में मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, बैग, ज़रुरी दस्तावे़ज़ और गहने भी शामिल हैं.
भारतीय किसान संगठन के प्रमुख पूरन सिंह ने कहा अगर सरकार हमारी सारी मांगों को मान लेती है तो हम अपने आंदोलन को वापस ले लेंगे. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हम फिर से सहारनपुर से आंदोलन को शुरू करेंगे.
ह्यूस्टन क्रॉनिकल के अनुसार अमेरिका में रहने वाले दो लोगों ने कोर्ट में यह मुकदमा दायर किया है. यह दोनों कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट से जुड़े हुए हैं.
एशिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले और ताकतवर देशों, चीन और भारत के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव, कभी-कभी सशस्त्र संघर्ष में बदलता रहा है. जलवायु संकट के कारण दक्षिण एशिया के देशों के बीच संघर्ष और भी बदतर होने की आशंका है.