अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सभी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अगली सुनवाई अब 14 नवंबर को होगी.
यह नर्मदा और गंजाल नदी पर संयुक्त सिंचाई परियोजना के तहत बनाया जाना है. इससे तीन जिलों- हरदा, होशंगाबाद और बैतूल के लगभग 2371 हेक्टेयर में फैले जंगलों का डूबना तय है.
ये याचिकाएं बच्चों के अधिकारों, संचार सेवाओं, राज्य में अस्पतालों, सामान्य चिकित्सा सेवाओं और पत्रकारों की बेरोकटोक आवाजाही को बहाल करने के लिए दायर की गई हैं.
इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.