कोलकाता : सारदा चिटफंड घोटाला मामले में जांच का सामना कर रहे कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. जिससे अब उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. कोर्ट ने कहा है कि यह मामला ‘हिरासत में पूछताछ के लायक नहीं है.’ अदालत ने कहा है कि कुमार को पूछताछ के लिए बुलाने से 48 घंटे पहले सीबीआई को नोटिस देना चाहिए था.
The Division Bench of Calcutta High Court grants anticipatory bail to former Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar in the Saradha chit fund scam case. pic.twitter.com/2BfnsAiPZs
— ANI (@ANI) October 1, 2019
बता दें कि करोड़ों रुपए के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गवाह के रूप में पूछताछ के लिए सीबीआई ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को पेश होने के लिए कई नोटिस दिए हैं. लेकिन वह सीबीआई के सामने नहीं पेश हो रहे हैं.
अदालत ने कहा कि अगर सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करती है, तो उन्हें 50,00 रुपए की सेक्योरिटी राशि के साथ तुरंत जमानत दी जाएगी. कुमार अदालत की तरफ से कोलकाता से बाहर जाने की इजाजत नहीं है.
हालांकि, वह सीबीआई के सामने पेश नहीं हुए हैं और इसके लिए कई बार अधिक समय मांग चुके हैं.
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कथित तौर पर सारदा समूह ने लाखों लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है.
खारिज हुई थी अग्रिम जमानत याचिका
इससे पहले बंगाल की एक अदालत ने आईपीएस राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका 21 सितंबर को खारिज कर दी थी. सारदा चिटफंड घोटाले की जांच के लिए 2013 में ममता बनर्जी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करने वाले कुमार पर इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2014 में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था. सीबीआई कुमार की हिरासत में पूछताछ की मांग कर रही है, जिसमें तर्क दिया गया है कि घोटाले की प्रारंभिक जांच के दौरान एसआईटी द्वारा जब्त किए गए कुछ दस्तावेजों को उसे नहीं सौंपा गया है. सीबीआई द्वारा तलब किए जाने पर भी कुमार अभी तक केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.