हाल ही में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और संवेदनशीलता को लेकर आईपीसीसी की रिपोर्ट में भी चेताया गया है कि मामला अब सिर्फ जलवायु परिवर्तन तक ही सीमित नहीं है.
याचिका में एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी बनाए जाने और एएसआई को रिपोर्ट सब्मिट किए जाने की मांग की गई है. याचिका में कुछ इतिहासकारों और कुछ हिंदू समूहों के हवाले से कहा गया है कि ताजमहल पहले शिव मंदिर था.
जब ऊपरी आदेश से बाध्य शिक्षक ही छात्रों को इस या उस नारे पर प्रोजेक्ट और शोध लिखवाते हैं—तो बेचारे छात्रों को कैसे गुमान हो कि उन्हें महज पार्टी प्रोपेगेंडा का शिकार बनाया जा रहा है?