68 वर्षीय मौर्य ने इस साल के चुनावों के लिए, अपना चुनाव क्षेत्र पडरौना से बदलकर फाज़िलनगर कर लिया था. ऐसा माना जा रहा था कि मौर्य पडरौना में विरोधी लहर का सामना कर रहे थे.
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसकी राष्ट्रीय पहचान का एक महत्वपूर्ण घटक है. देश में कलाकृतियों की फिर से वापसी और वैश्विक सहयोग की दिशा में चल रहे प्रयास भविष्य के लिए आशा का प्रतीक हैं.