एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, ‘भारत ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया. इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं.’
वित्त मंत्रालय का कहना है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, गुजरात और तमिलनाडु में, जीएसटी उगाही सबसे ज़्यादा गिरी है. तीन बीजेपी शासित राज्य घाटा पूरा करने के लिए क़र्ज़ लेने को सहमत हो गए हैं.
केंद्र के आकलन के अनुसार करीब 97,000 करोड़ रुपये जीएसटी क्रियान्वयन के कारण है जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की वजह कोविड-19 है. इस महामारी के कारण राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है.
इरडा के गैर-जीवन बीमा सदस्य टी एल अलामेलू ने कहा कि यह समय की जरूरत है. धीरे-धीरे इसमें मध्यवर्ती इकाइयों, एजेंटों और पॉलिसीधारकों के बीच दूर रहकर ही काम करने का माहौल बनेगा.
फिच ने कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. इसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में टुकड़ों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
बैड बैंक में संकटग्रस्त बैंकों के सभी बुरे ऋण या एनपीए स्थानांतरित कर दिए जाते हैं. इससे संकटग्रस्त बैंक के बहीखाते साफ हो जाते हैं और देनदारी बैड बैंक के ऊपर आ जाती है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने ओएमओ की भी घोषणा की. जिसके तहत सरकारी शेयर की साथ-साथ खरीद और बिक्री आयोजित करेगा. दो चरणों में 20,000 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री की जाएगी.
हम अपनी सेना के बारे में बोलते बहुत कुछ हैं पर उतना खर्च नहीं करते जितना करना चाहिए. रक्षा खर्च दोगुना करने की जरूरत नहीं, लेकिन सैन्य बजट में मौजूदा गिरावट की प्रवृत्ति को बदलना होगा.