इस वीडियो क्लिप में दास ने कहा, ‘इसलिए हमने अपनी मौद्रिक नीति में उदार बने रहने का फैसला किया है, जबकि साथ ही मुद्रास्फीति के परिदृश्य पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.’
2012-13 में जब डीज़ल पेट्रोल से 20-25 रुपए प्रति लीटर सस्ता था, तो उसकी गाड़ियों की बाज़ार में हिस्सेदारी 58% थी. अब लोग कम प्रदूषण वाले विकल्प ख़रीद रहे हैं और एक्सपर्ट्स भी इसका स्वागत करते हैं.
दिल्ली में पेट्रोल का दाम 104.14 रुपए प्रति लीटर के साथ अभी तक के सबसे उच्चस्तर पर पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल अब 110.12 रुपए प्रति लीटर के भाव बिक रहा है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सरकार को करना है. उल्लेखनीय है कि पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से आम लोग परेशान हैं.
आरोप है कि 2018 में विश्व बैंक के कर्मचारियों पर चीन और अन्य देशों की व्यापार-जलवायु रैंकिंग को प्रभावित करने वाली जानकारियों को बदलने के लिए दबाव डाला गया था.
मोदी-शाह शासन के दौरान किनारे कर दिए गए लोग अब अपनी जगह बनाने और अपनी आवाज बुलंद करने लगे हैं. और अभी तो यह शुरुआती दिन हैं. भाजपा को इन घटनाक्रमों का स्वागत करना चाहिए.