इस समय जब यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं, भारत में तमाम लोग इस बहस में व्यस्त हैं कि पढ़ाई के लिए विदेश जाना उनकी प्राथमिकता क्यों है. आइये जानते हैं कि उनके लिए भारत पसंदीदा ‘जगह’ क्यों नहीं है.
रूस और चीन के अलावा यूक्रेन भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए एक सबसे पसंदीदा स्थल रहा है. इन विकल्पों के बाहर हो जाने के बाद फिलहाल छात्रों का भविष्य अनिश्चित लगता है.
छात्रसंघ चुनाव नहीं होने की वजह से उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के छात्र संघ भवन अब सुनसान नजर आ रहे हैं. विरोध, 'चिन्हित' छात्र, लाठीचार्ज के मामले बढ़े.
जेएनयू के पूर्व कुलपति रहे जगदीश कुमार ने अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) जैसी योजनाओं के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
अधिवक्ता ने बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय की ओर से दाखिल याचिका का भी जिक्र किया जिसमें सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.