एक उज्ज्वल भविष्य की आशाओं से भरे जीवन से दूर, तालिबान द्वारा उच्च शिक्षा के उनके अधिकारों को रद्द करने के फरमान को लागू करने के बाद से अफगान महिलाएं घरेलू नीरसता में फंस रही हैं.
कोविड प्रतिबंधों के कारण विदेश से ऑनलाइन डिग्री पूरी करने वाले मेडिकल छात्रों का दावा है कि भारत में 1 के बजाय 2 साल की इंटर्नशिप अनिवार्य करने का नया नियम उनके करिअर और आर्थिक हालत को प्रभावित कर रहा है.
प्रथम वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के देर से वर्कफोर्स में शामिल होने के कारण डॉक्टरो को ज्यादा घंटे तक काम करना पड़ रहा है. इस बीच, परीक्षा की तैयारी कर रहे अंडरग्रेजुएट डिमोटिवेट हो रहे हैं.
MP में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 128 पदक जीते. राई, सोनीपत स्थित मोतीलाल नेहरू स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स की स्थापना जुलाई 1973 में एक सह-शिक्षा बोर्डिंग स्कूल के रूप में हुई थी.
तालिबान की सत्ता में वापसी, काम करने पर रोक लगाते सख्त वीज़ा नियम और बंद होती जा रही छात्रवृत्तियों ने अफगानी छात्रों को अनिश्चितता में डाला हुआ है. हालांकि, भारतीय मित्र उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन वह काफी नहीं है.
कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए दिल्ली, तमिलनाडु और पंजाब के स्कूल वहीं गुजरात कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए मौजूदा स्कूल बुनियादी ढांचे में सुधार करेगा.
एलआईसी विश्वविद्यालय को पूरी तरह से सुसज्जित एम्बुलेंस प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए एक और पीएसयू एक चेयर स्थापित करने की योजना बना रहा है और एक और डोनेशन के लिए बातचीत कर रहा है.
पीएचडी स्कॉलर्स और प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप खत्म कर दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा था कि 2022 से पहले चयनित लोगों को फंड मिलेगा, लेकिन छात्रों का दावा है कि पैसे नहीं दिए गए.
जब सीयूईटी को एक साल पहले पेश किया गया था, तो डर था कि कोचिंग सेंटरों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. यह अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन संकेत हैं कि यह समय की बात हो सकती है.
शिक्षा मंत्रालय को 1,12,899.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. यह 2022 की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है. वित्त मंत्री ने तीन साल में युवाओं को कौशल प्रदान करने के वास्ते पीएमकेवीवाई 4.0 लॉन्च करने की घोषणा की है.
महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा है. परत-दर-परत खोलिए आप देखेंगे कि छह की छह पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं.