ऊंची टैक्स दरें और मई में 16 बार दाम में बढ़ोत्तरी इसके बाद मार्च और अप्रैल के चुनावी महीने में जीरो वृद्धि वजह है जो भारत ईंधन को दामों में इजाफा कर रहा है.
महंगाई का मई का आंकड़ा कुछ दोषपूर्ण था, इसमें तेजी विश्व बाज़ार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, जींसों की कीमतों में वृद्धि और सप्लाइ में अड़चनों के कारण आई थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही. यह पिछले महीने के 1.96 प्रतिशत से कहीं अधिक है.
अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ एफपीआई खातों को एनएसडीएल द्वारा जब्त करने की खबर के बाद इन कंपनियों के शेयरों के कारोबार में 25 फीसदी तक की भारी गिरावट देखी गई.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि टीके पर पांच प्रतिशत की दर से आम आदमी पर किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार टीके खुद खरीदकर लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी.
पाकिस्तान में और भारत में भी सबको पता था कि सवाल यह नहीं था कि हमले किए जाएंगे या नहीं बल्कि यह था कि वह कब किए जाएंगे. मोदी सरकार ने इन 14 दिनों का इस्तेमाल यह जताने के लिए किया कि उसे कोई हड़बड़ी नहीं है.