scorecardresearch
Wednesday, 5 March, 2025
होमडिफेंस

डिफेंस

लद्दाख़ पर ध्यान देते हुए, चीनी शरारत को नाकाम करने के लिए, भारत ने एलएसी के दूसरे क्षेत्रों में की तैयारियों की समीक्षा

उत्तर-पूर्व में निगरानी रखने वाली ईस्टर्न कमांड के बलों को, बॉर्डर मैनेजमेंट पॉस्चर पर रख दिया गया है, जो सेना द्वारा फैक्टर किए हुए एस्केलेशन मैट्रिक्स का हिस्सा है.

लद्दाख में स्थिति ‘संवेदनशील’- रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन से गतिरोध लंबे समय तक बने रहने की संभावना है

एक आधिकारिक दस्तावेज में रक्षा मंत्रालय का यह भी कहना है कि 5 मई से गलवान घाटी में एलएसी और 'विशेष रूप से' के साथ चीनी आक्रमण बढ़ रहा है.

मोदी सरकार ने दिग्गज आईएएस मुर्मू की जगह जम्मू कश्मीर के एलजी के रूप में मनोज सिन्हा को क्यों चुना

सूत्रों ने कहा कि सिन्हा की नियुक्ति से जम्मू और कश्मीर में स्थिति को आसान बनाने में मदद मिलेगी.

आर्टिकल 370 के एक साल पूरे होने से पहले कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ों की संख्या में उछाल आया

कुल मिलाकर, इस साल 30 जुलाई तक 148 दहशतगर्द ढेर किए जा चुके हैं. जिनमें से 91 दहशतगर्द अप्रैल के बाद से मारे गए हैं. इसके मुकाबले 5 अगस्त 2019 से अप्रैल 2020 के बीच, आठ महीनों में ये संख्या केवल 57 थी.

एलएसी पर तनाव के बीच कोर कमांडर के 5वें दौर की बातचीत खत्म, चीनी स्टडी ग्रुप समीक्षा के लिए आज मिल सकता है

भारत-चीन की सैन्य-स्तरीय बैठक रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात 9.30 बजे तक चली, जो पैंगोंग त्सो क्षेत्रों में विस्थापन पर केंद्रित थी.

आज मिल रहा घातक लड़ाकू राफेल विमान ऐसे बढ़ाएगा भारतीय वायुसेना की क्षमता

राफेल को दुनिया के उत्कृष्ट लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. अपनी एवियॉनिक्स, रडार और हथियार प्रणालियों के साथ यह दक्षिण एशिया का सबसे शक्तिशाली विमान है.

राफेल की जल्द तैनाती के लिए वायुसेना ने हैमर वेपन सिस्टम को इजराइल के स्पाइस-2000 के बदले चुना

2016 में 36 राफेल विमानों के सौदे के समय भारत ने महंगा होने के कारण हैमर सिस्टम को समझौते बाहर रखा था. लेकिन चीन से चलते तनाव के बीच इसे तेज़ी से लैस किया जा सकता है.

जब चीनी सेना 58 साल पहले गलवान चौकी से ‘पीछे हटी’ थी तब असल में क्या हुआ था

1962 के भारत-चीन युद्ध के कई महीने पहले भारत की एक फौजी प्लाटून चारों तरफ से घिर जाने के बावजूद गलवान चौकी पर डटी रही थी और चीनियों को करीब 200 मीटर पीछे हटना पड़ा था.

भारतीय सेना लद्दाख से सैन्य वापसी के दौरान चीन को लेकर क्यों सतर्क है

1962 में चीन ने भारत को धोखे में रखकर सीधे तौर पर पूर्ण युद्ध छेड़ दिया था. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि चीन अब भारत को उस तरह हतप्रभ नहीं कर सकता क्योंकि सेना ने एलएसी के पास मौजूदगी बढ़ा ली है.

राजनाथ के लद्दाख़ दौरे के फोटो से खुला, स्पेशल बलों की दो ‘ख़ुफिया’ ख़रीदारियों का राज़

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शुक्रवार के लद्दाख दौरे की फोटो से, लड़ाई में बढ़त लेने के लिए, सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेज़ की, हाल की ख़रीदारियों का पता चलता है.

मत-विमत

वीडियो

राजनीति

देश

मेइती संगठन मणिपुर के पर्वतीय क्षेत्रों में शांति अभियान शुरू करेगा

इंफाल, चार मार्च (भाषा) मेइती संगठन ‘फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन (एफओसीएस)’ ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में शांति का...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.