आम लोगों के लिए फिलहाल ‘हेवन’ के दरवाज़े नहीं खोले गए हैं मगर कश्मीर के विशेषकर दक्षिण कश्मीर के हालात को देखते हुए एक सिनेमाघर का खुलना व फ़िल्मों का प्रदर्शित होना एक बड़ी बात है.
आज भी पढ़ी-लिखी लड़कियों के शादी से बाहर निकलने या रहने की व्यवस्था घर के बड़े-बुज़ुर्गों के हाथों में है. कुछ ऐसा ही हाल है तेजप्रताप और एश्वर्या की शादी का.
हिंदीे के प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह की मृत्यु से साहित्य जगत में गहरा शोक व्याप्त है. पर नामवर सिंह ने कोई ख़ाली जगह नहीं छोड़ी, उन्होंने अपनी जगह बनायी और उसे बख़ूबी भर दिया. कोई और नामवर सिंह नहीं हो सकता.
मुंबई की उपनगरीय रेल नेटवर्क में हर साल हज़ारों मूल्यवान ज़िंदगियों का अंत हो जाता है और यह बेहद चिंताजनक बात है जबकि उनकी वजहें और समाधान सबको मालूम हैं.