ओम पुरी उन विरले अदाकारों में हैं जिन्होंने संजीदा और हास्य दोनों तरह की भूमिका के साथ न्याय किया. हेरा फेरी, मालामाल वीकली, चाची 420 जैसी फिल्में इसका प्रमाण हैं.
काफी दिनों तक फिल्म इंडस्ट्री से दूर होने के बाद भी विनोद खन्ना की अदाकारी पर कोई फर्क नहीं पड़ा था. 5 सालों के बाद हुई वापसी के बाद उन्होंने दो हिट फिल्में दी थी.
पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तीकरण और स्वदेशी जैसे बापू के आदर्शों को हकीकत में लागू करने के लिए एनडीएमसी ने तीन 'सक्षम ईको मार्ट' खोले हैं.
आदिवासी बच्चों को यूनिसेफ और वसुधा विकास संस्थान ने फोटोग्राफी का प्रशिक्षण दिया है. आने वाले दिनों में उनकी तस्वीरें अगर विभिन्न प्रदर्शनियों में भी नजर आएं तो अचरज नहीं होगा.
महात्मा गांधी को 'महात्मा' बनाने वाला बिहार का चंपारण ही केवल बापू का कर्मक्षेत्र नहीं था. गांधी बिहार के भागलपुर भी आए थे और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए एकजुट किया था.