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Friday, 31 January, 2025
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समाज-संस्कृति

विदेशियों के रोज़गार का कारण बन रही है हिंदी, बाज़ार ने इसका विस्तार किया है

भारत के विशाल बाजार के कारण हिन्दी अब विदेशी लोगों के रोजगार की भी भाषा बन रही है और कई देशों में व्यापार प्रबंधन और मार्केटिंग से जुड़े लोग इसे सीख रहे हैं.

द्रौपदी प्रथा : जब कई भाइयों की हो एक दुल्हन, तो नहीं होती कोई घरेलू हिंसा

'जेंडर, कल्चर एंड ऑनर' किताब जाति, पितृसत्ता, धर्म, उम्र जैसे विभिन्न नजरिये से महिलाओं के रोजमर्रा के जीवन का विश्लेषण करती है.

प्रेम की कसौटी पर रची गई ‘परिणीता’ संगीत और बंगाल प्रेमियों के लिए एक नज़ीर है

बेहद ही भारी और दमदार आवाज में अमिताभ बच्चन 1962 के कलकत्ता शहर की पहचान इसके बाजार, कालीबाड़ी मंदिर, ट्राम, कॉफी हाउस, रसगुल्ला, पुचका, फुटबॉल, सियासत, प्रेम, लोलिता और शेखर से करते हैं.

टकले…गंजे होते लड़कों के दर्द को दिखाती ‘बाला’ तो ठीक है लेकिन डार्क स्किन का पाखंड क्यों

फिल्म सिर्फ गंजे पन की बात नहीं करती बल्कि उन भ्रामक विज्ञापनों की भी बात करती है जो चंद मिनटों में आपके रंग रूप को बदल देने का दावा करते हैं और फिर समाज से कहती है कि आखिर बदलना क्यूं है.

भारत पाक सीमा की खटास के बीच, घराना वेटलैंड में प्रवासी ‘मेहमानों’ने डाला डेरा

पर्यावरणविदों के लगातार प्रयासों से और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा किए गए हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार घराना वेटलैंड को लेकर सचेत हुई है.

टेलीविज़न पर ‘नागिन’ नहीं, युवा पुरुषों को भा रही है यूट्यूब वाली ‘चुड़ैल’

नैतिक कहानियों के तौर पर बेची जा रही इन वीडियोज के एनालिटिक्स कई यूट्यूब चैनल्स ने दिप्रिंट के साथ साझा किए. सबसे ज्यादा पुरुष इस तरह के वीडियोज देख रहे हैं.

हास्य और परिवार के साथ रहने का प्यारा संदेश देती पृथ्वीराज कपूर की फिल्म ‘तीन बहुरानियां’

आजकल के कुछ दर्शकों को ये उबाऊ और बोझिल लग सकती है पर अगर आप हास्य का आनंद लेना चाहते हैं तो ये फिल्म आप ज़रूर देख सकते हैं.

एक गंजे भारतीय पुरुष की कुंठाएं व सपनों की कहानी है ‘उजड़ा चमन’

उजड़ा चमन वो फिल्म है जिसने ऐसे विषय को केंद्र में रखा जिससे बहुत से लोग रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में जूझते हैं, पर कोई परदे पर नहीं दिखाता है.

निर्मल पुरजा, नेपाली पर्वतारोही जिसने एवरेस्ट, ल्होत्से और मकालू की चढ़ाई दो दिन में पूरी की

14 चोटियों पर सबसे तेज़ी से चढ़ने के अलावा पुरजा के नाम तीन और रिकॉर्ड हैं. उन्होंने एवेरेस्ट से ल्होत्से तक की यात्रा सबसे काम समय में (10 घण्टे 15 मिनट) तय कर पिछले 20 घंटे के रिकॉर्ड को भी तोड़ा.

निर्मल वर्मा : वह साहित्यकार जिसकी कहानी ही उसकी पहचान थी

साहित्यकार निर्मल वर्मा को दिप्रिंट श्रद्धांजलि दे रहा है. पढ़ें उनकी उनकी किताब 'रात का रिपोर्टर' के कुछ अंश.

मत-विमत

क्या हम सच में चीन का विकल्प बन सकते हैं? मोदी का 2014 का भारत को महान बनाने का वादा बिखर चुका है

एक समय था जब भारतीय लोग तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी होने का सपना देखते थे. अब, चीनी इतने आगे हैं कि वे हमें प्रतिस्पर्धी भी नहीं मानते. यह उनके और अमेरिका के बीच की बात है.

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राजनीति

देश

विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरतः आर्थिक समीक्षा

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजी...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.