रवीश कुमार कहते हैं, 'इश्क हमें इंसान बनाता है. जिम्मेदार बनाता है और पहले से थोड़ा-थोड़ा अच्छा बनाता है. जो प्रेम में होता है वह एक बेहतर दुनिया की कल्पना जरूर करता है. जो प्रेम में नहीं है वह अपने शहर में नहीं है.'
गणतंत्र दिवस परेड में घोड़े, हाथी, मोटरसाइकिल, सेना के ट्रक से लेकर भारी-भरकम टैंक तक निकलते हैं. पर मजाल है कि राजपथ को कोई नुकसान हो. ये सब बिटुमिनस तकनीक का कमाल है.
फिल्म शुरू से ही आपको बहुत प्यारी लगेगी. इसमें हास्य है, व्यंग्य है और दर्शक इससे भली भांति खुद को जोड़ पाएंगे. अश्विनी अय्यर तिवारी का लेखन और निर्देशन हर सीन में चमकता है.
गांधी जी ने 13 जनवरी, 1948 को अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया. उनके साथ बिड़ला हाउस में ‘द स्टेट्समैन’ के पूर्व संपादक आर्थर मूर और हजारों अन्य लोग अनशन पर बैठ गए, जिसमें हिंदुओं और सिखों की एक बड़ी तदाद थी और उनमें से कई तो पाकिस्तान से आये शरणार्थी थे.
बच्चों को यह भी बताया जाता है कि सड़क पर यदि दुर्घटना हो जाए तो एक नागरिक के तौर पर हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए और ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए.
करीब तीन हजार की आबादी के इस गांव में अधिकतर बौद्ध समुदाय के परिवार हैं. इनमें से ज्यादातर छोटे किसान और मजदूर हैं. वर्ष 1935 में स्थापित इस गांव के स्कूल में कुल 91 बच्चे हैं.
छपाक उस मजबूत महिला की कहानी है जिसे जीवन में जो वो चाहती है वो भले ही न मिलो हो, पर वो उस पाने के इर्द गिर्द एक रास्ता ज़रूर ढूंढ लेती है. ये फिल्म आपकी अंतरात्मा को झकझोर कर रख देगी.
मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली खाद्य वस्तुएं बनाने वाली प्रमुख कंपनी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) मौजूदा खाद्य मुद्रास्फीति...