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Saturday, 1 February, 2025
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समाज-संस्कृति

मुंशी प्रेमचंद के रचे पांच ऐसे असरदार किरदार जो आज भी प्रासंगिक हैं

प्रेमचंद की लेखनी में तो आकर्षक तत्व हैं हीं लेकिन उन रचनाओं के किरदार भी कम अपनी तरफ नहीं खींचते हैं और हमें उस हकीकत के सामने लाकर खड़ा कर देते हैं जो हूबहू उनकी कहानियों की तरह हमारे भी दैनिक जीवन से होकर गुजरती हैं.

‘मुसलमान हूं तो दोस्तों ने बात करनी बंद कर दी’- इरफान खान के बेटे बाबिल ने सोशल मीडिया पर बताई आपबीती

बाबिल खान ने इन्स्टाग्राम पर एक के बाद एक कर कई पोस्ट शेयर की हैं जिसमें वो अपनी धार्मिक पहचान और इसको लेकर फैले उन्माद से काफी व्यथित हैं.

दिल बेचारा: सुशांत सिंह राजपूत का आख़िरी काम दिल को छू लेता है, लेकिन इसे बेहतर लिखा जा सकता था

दिल बेचारा में सुशांत सिंह राजपूत और संजना सांघी दोनों ने अच्छा काम किया है, लेकिन वो फिल्म को इसके स्क्रीनप्ले के ख़ालीपन से नहीं बचा पाए.

IAS अधिकारी की इमेज बदलने वाले अभिषेक सिंह, अपने गाने से सोशल मीडिया पर युवाओं का दिल जीत रहे हैं

दिल तोड़ के गाने को केवल 24 घंटों में एक करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है. जैसे-जैसे लोगों को पता चल रहा है कि इस गाने का वो बाइक वाला लड़का रीयल लाइफ में IAS है तो वो और भी पसंद किए जा रहे हैं.

के कामराज : आजाद भारत का पहला ‘किंगमेकर’ जिसने संगठन की चूलें कसने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था

तमिलनाडु के तीन बार मुख्यमंत्री रहे, गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी के कामराज को आजाद भारत का पहला 'किंगमेकर' भी कहा जाता है.

100 दिन के ब्रेक के बाद 13 जुलाई को लौटेंगे सभी टीवी धारावाहिक और शोज़, प्लॉट में होगा कोविड का ट्विस्ट

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सीन सेटिंग्स, सीमित स्टाफ, वेतन में कटौतियां और लंबी शूट्स- कोविड ने वो सब बदल दिया है जो कैमरे के आगे और पीछे होता है.

भीष्म साहनी: भ्रष्टलोक में आदर्शवाद की बानगी है ‘मोहन जोशी हाज़िर हो’

मोहन जोशी हाज़िर हो सिनेमा के अक्ष में भीष्म साहनी को मौजूदा वक्त में देखना और समझना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि देश के तमाम बड़े शहरों के आलीशान इमारतों का जो सच हमारे सामने दिखता है...उसकी पूरी तस्वीर उन शहरों के चॉल और झुग्गी बस्तियों से होकर गुज़रती है.

वंदे मातरम गीत लिखने वाले बंकिम चंद्र चटर्जी का राष्ट्रवाद क्या ‘मुस्लिम विरोधी’ था

बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे वंदे मातरम गीत को हिंदू-मुस्लिम दोनों ने ही आजादी का तराना बनाया पर इसके कुछ अंशों में देवी-देवताओं की बात होने से मुस्लिम इसे राष्ट्रीय गीत बनाने के खिलाफ हो गए थे.

कोरोना काल क्या शास्त्रीय संगीत की तबीयत को भी बिगाडे़गा

कोरोना के प्रभाव से उत्पन्न ‘डिजिटल वायरस’ कहीं धीरे-धीरे भारतीय शास्त्रीय संगीत जैसी कला की तबीयत को बिगाड़ने का काम तो नहीं कर रहा?

‘ख़ुदा जाने ये बटवारा बड़ा है या वो बटवारा बड़ा था’- प्रवासी संकट और बंटवारे के बीच लकीर खींचती गुलज़ार की कविता

जब कोविड-19 महामारी के कारण प्रवासी मजदूरों पर मानवीय संकट गहरा रहा है तब गुलज़ार अपनी रचनाओं में उन्हें जगह दे रहे हैं- जो वो बखूबी करते हैं.

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बजट वृद्धि और समावेशी विकास पर केंद्रित: सीतारमण

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में वृद्धि को गति देने और...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.