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Thursday, 28 November, 2024
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ऑस्कर में जाते ही विवादों में क्यों घिरी गुजराती फिल्म ‘छेल्लो शो’

छेल्लो शो के ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होते ही, कोई इसे विदेशी फिल्म की नकल बता रहा है तो किसी को ‘आरआरआर’ या ‘द कश्मीर फाइल्स’ के न भेजे जाने का अफसोस सता रहा है.

एक बच्चे की कहानी- गुजराती फिल्म छेल्लो शो ऑस्कर 2023 के लिए भेजी गई

छेल्लो शो एक बच्चे की कहानी है, जो अपने सिनेमा प्रेम के लिए कुछ भी कर सकता है. छेल्लो शो का अर्थ होता है आखिरी फिल्म शो.

‘क्या एक और बाबरी बन जाएगी ज्ञानवापी’, उर्दू प्रेस ने उठाये सवाल; UP कोर्ट ने हिंदू महिलाओं की याचिका को दी मंजूरी

पेश है दिप्रिंट का इस बारे में साप्ताहिक राउंड-अप कि उर्दू मीडिया ने पिछले एक सप्ताह के दौरान विभिन्न घटनाओं के सम्बन्ध में किसी तरह की खबरे छापी, और उनमें से कुछ ने इन के बारे में किस तरह की संपादकीय टिप्पणियां की.

पुलवामा अटैक, कश्मीरी विरोधी दंगे और आर्टिकिल 370 का हटना, जम्मू-कश्मीर में कैसे बदली राजनीति

जम्मू कश्मीर में आर्टिकिल 370 को खत्म किए जाने के बाद से शासन और प्रशासन के तौर-तरीके में काफी बड़े बदलाव आए हैं. पत्थरबाजी की घटनाएं भी कम हुई हैं.

खिड़की के उस तरफ का सच दिखाती ‘मट्टो की साइकिल’

मट्टो की साइकिल और उसकी जिंदगी के बरअक्स यह फिल्म असल में हर उस गरीब इंसान की कहानी दिखाती है जो तेजी से दौड़ रहे देश में अपने हिस्से के विकास का इंतजार कर रहा है.

सारे मसाले, बेहिसाब स्पेशल इफेक्ट, आधा दर्जन सुपरस्टार लेकिन ‘ब्रह्मास्त्र’ में स्टोरी कहां है

ब्रह्मास्त्र की कहानी में तर्क यानी लॉजिक ढूंढने की जरूरत नहीं है. लॉजिक इसमें है भी नहीं. इस तरह की फिल्मों में लॉजिक की जरूरत भी नहीं होती.

‘मैं बंदूकें बो रहा हूं’ – शोधकर्ता भगत सिंह की पिस्तौल की तलाश में क्यों लगे

शोधार्थियों ने भगत सिंह से संबंधित निशानियों और यादगारी चीजों को भी ढूंढ़ना शुरू किया था, लेकिन कोई भी उस पिस्तौल के बारे में पता नहीं लगा सका.

भव्यता की हदें छूती देखने लायक फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन-शिवा’

एक अच्छा टाइम पास मनोरंजन देने वाली इस फिल्म को इसकी भरपूर भव्यता के लिए देखा जाना चाहिए-परिवार के साथ, दोस्तों के साथ, बच्चों के साथ. लेकिन कहानी और पटकथा की बारीकियों पर गौर न करें, आपको निराशा ही हाथ लगेगी.

बॉलीवुड फिल्मों ने सहेजे शिक्षा के मूल्य, इन शिक्षकों ने बदल दी पढ़ने की परिभाषा

फिल्मों में अध्यापक का चेहरा बदला है और कई सारी फिल्में भी ‘गुरु’ की भूमिका में आती हैं व सिनेमाघर को ‘क्लास-रूम’ का दर्जा देकर बहुत कुछ सिखा-पढ़ा जाती हैं.

‘मोदी की तारीफ, उनके आंसू’: उर्दू प्रेस ने कहा समय बताएगा कि आज़ाद की नाटकीय विदाई में क्या BJP की कोई भूमिका थी

दिप्रिंट का जायज़ा कि हफ्ते भर की ख़बरों को उर्दू मीडिया ने कैसे कवर किया, और उनमें से कुछ ने क्या संपादकीय रुख़ इख़्तियार किया.

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी ने पश्चिम बंगाल में अशोकनगर के पास पिछले छह साल...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.