भारत आज दुनिया में जिस बेहतर हैसियत में है वैसी स्थिति में वह शीतयुद्ध के बाद के दौर में कभी नहीं रहा. हमें तय करना पड़ेगा कि विश्व जनमत को हम महत्वपूर्ण मानते हैं या नहीं. अगर मानते हैं तो हमें उनकी मीडिया, थिंक टैंक, सिविल सोसाइटी के साथ संवाद बनाना चाहिए.
लोहारा और गांघू, जिन पर 10 लाख और 5 लाख रुपये का इनाम था, को मार गिराकर सुरक्षा बलों ने झारखंड जन मुक्ति परिषद, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से अलग हुआ एक गुट है, को बड़ा झटका दिया है.