scorecardresearch
Tuesday, 7 January, 2025

भाषा

381878 पोस्ट0 टिप्पणी

मत-विमत

भारतीय कॉर्पोरेट घरानों और उपभोक्ताओं के बीच शक्ति असंतुलन बढ़ता जा रहा है

इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.

वीडियो

राजनीति

देश

आसाराम को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिली, समूह में अनुयायियों से मिलने पर पाबंदी

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में जेल में बंद आसाराम को मंगलवार को चिकित्सा आधार पर...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.