भारत अपने पूरब में स्थित आर्थिक शक्तियों से जुड़ना चाहता है तो उसे एक ऐसी ही दुनिया बनने की कल्पना करनी चाहिए जैसी दुनिया 19वीं सदी के कोलकाता की थी. वैश्विक भारत केवल नौकरशाही वाली व्यवस्थाओं से नहीं बनेगा, उसके लिए कल्पना की परियोजना की ज़रूरत होगी.
रांची, तीन जुलाई (भाषा) झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के विधायकों की बुधवार को यहां...