चंडीगढ़, 27 नवंबर (भाषा) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक केन्द्रीय दल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंजाब में कथित गड़बड़ियों और फर्जी रोजगार कार्ड की अलग-अलग शिकायतों की जांच करेगी।
राज्य के एक दिन के दौरे पर आए चौहान ने आप सरकार के पंजाब को 1,600 करोड़ रुपये का बाढ़ राहत कोष जारी न करने के आरोप को भी खारिज कर दिया और कहा कि केंद्र राज्य को कोष जारी कर रहा है।
जालंधर में संवाददाताओं से बातचीत में चौहान ने कहा कि उन्होंने राज्य में मनरेगा योजना को लागू करने की समीक्षा की है। कुछ दिन पहले, केंद्र ने मनरेगा के तहत पंजाब को 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी की थी।
हालांकि, चौहान ने कहा कि उन्हें पंजाब में मनरेगा के बारे में मजदूरों से कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नकली रोजगार कार्ड हैं, काम ठेकेदार करते हैं, जबकि जरूरतमंद मजदूरों को काम नहीं मिलता। कई तरह की शिकायतें थीं। हमने आज उनकी समीक्षा की।’’
मंत्री ने कहा कि उन्हें मुक्तसर और फाजिल्का समेत कई जिलों से मनरेगा के कामों के बारे में शिकायतें मिली हैं। चौहान ने कहा, ‘‘यह एक गंभीर मामला है। मैंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच करने और दोषियों को सजा देने की अपील की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पैसा ठेकेदार के लिए नहीं है। यह पैसा मजदूरों को काम देने के लिए है।’’
कृषि मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे चौहान ने कहा कि भारत सरकार की एक टीम आरोपों की जांच करेगी ताकि यह देखा जा सके कि मनरेगा को लागू करने में कोई गड़बड़ी हुई है या नहीं और यह पक्का किया जाएगा कि दोषियों को सजा और मजदूरों को न्याय मिले।
आप सरकार के इस आरोप पर कि 1,600 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत राशि जारी नहीं की गई है, चौहान ने कहा कि राज्य को 480 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। लगातार कोष जारी किए जा रहे हैं। पंजाब के लिए कोष की कोई कमी नहीं है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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