बीड, पांच अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के बीड में जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला को कथित तौर पर प्रसव कक्ष (लेबर वार्ड) के बाहर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे बाहर इंतजार कराया। महिला के परिवार ने यह दावा किया है।
हालांकि, अस्पताल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि महिला की उचित देखभाल की गई और प्रसव कक्ष के अंदर ही बच्चे का जन्म हुआ।
शिरुर कासर निवासी योगिता किशोर राउत (25) को शनिवार को प्रसव की नियत तारीख बीत जाने के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
योगिता के परिवार के सदस्यों के अनुसार, भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने उसकी जांच की और कहा कि प्रसव में अभी समय है, और शाम लगभग 6:30 बजे उसे प्रसव पीड़ा के लिए दवा दी गई।
रिश्तेदारों ने दावा किया कि योगिता को बहुत तेज दर्द हो रहा था, और रात लगभग नौ बजे उन्होंने अस्पताल कर्मियों को सूचित किया, लेकिन उन्हें टालमटोल वाला जवाब मिला।
परिवार ने आरोप लगाया कि योगिता की गंभीर हालत के बावजूद, प्रसव कक्ष के कर्मचारियों ने उसे अंदर भर्ती करने से इनकार कर दिया और उसे कक्ष के बाहर ही बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया गया।
वहीं, सिविल सर्जन डॉ. संजय राउत ने दावा किया कि महिला की जांच की गई और प्रसव पीड़ा की दवा देने के बाद उसे प्रसव कक्ष में ले जाया गया, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया।
भाषा शफीक दिलीप
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